ताजा खबरेंविशेष

मध्य प्रदेश में हाई कोर्ट के आदेश के बाद सहकारिता चुनाव का रास्ता साफ

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के फैसले के बाद राज्य में सहकारी समितियों के चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। यह चुनाव जनवरी 2024 से लेकर मार्च 2024 के बीच अलग-अलग चरणों में आयोजित किया जाएगा।

इस बीच, मप्र राज्य निर्वाचन प्राधिकरण ने प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) से लेकर जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों तक के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। बता दें कि राज्य में 4500 से अधिक पैक्स समितियां हैं।

पाठकों को याद होगा कि इससे पहले सहकारी समितियों का चुनाव 2014 में हुआ था लेकिन निदेशक मंडल के पांच साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद सरकार ने सहकारी संस्थाओं में प्रशासक नियुक्त कर दिये थे। करीब पिछले पांच साल से सहकारी समितियों में प्रशासक नियुक्त हैं।

पिछले पांच वर्षों में मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी समेत दोनों राजनीतिक दलों ने सत्ता संभाली लेकिन किसी भी सरकार ने सहकारी समितियों के चुनाव को गंभीरता से नहीं लिया। परिणामस्वरूप, सहकारी समितियों को अदालत का रुख करना पड़ा।

सहकार भारती की मध्य प्रदेश इकाई ने चुनाव का मुद्दा बड़े जोर-शोर से उठाया था और चुनाव न कराने को लेकर भाजपा सरकार के खिलाफ राज्य के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन भी किया।

सहकार भारती के एमपी चैप्टर के महासचिव योगेन्द्र सिंह सिसौदिया ने कहा, “शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने सहकारी समितियों के चुनाव को गंभीरता से नहीं लिया और अब हम उम्मीद कर रहे हैं कि मोहन यादव के नेतृत्व वाली सरकार सहकारिता चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से कराएगी।”

मध्य प्रदेश राज्य सहकारी निर्वाचन अधिकारी ने चुनाव कार्यक्रम जारी करते हुए बताया कि हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले सहकारी संस्थाओं का चुनाव संपन्न कराया जाए।

आदेश के मुताबिक प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के चुनाव 10 मार्च 2024 से पहले संपन्न हो जाने चाहिए। इसे ध्यान में रखते हुए सहकारी समितियों का चुनाव चार चरणों में कराया जाएगा।

Tags
Show More

Related Articles

Back to top button
Close