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मंत्रियों ने किया नैनो लैब का दौरा; रूपाणी की नैनो यूरिया को हरी झंडी

एक तरफ गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने पिछले सप्ताह शनिवार को नैनो यूरिया की एक खेप को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया तो दूसरी तरफ राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया और पुरुषोत्तम रूपाला ने उर्वरक सहकारी संस्था द्वारा गुजरात के कलोल में स्थापित नैनो लैब का दौरा किया।

इस मौके पर मंत्रियों ने भी गुजरात के किसानों के लिए कलोल से नैनो यूरिया की खेप को झंडी दिखाकर रवाना किया।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने इफको के उपाध्यक्ष दिलीप संघानी की मौजूदगी में नैनो यूरिया के एक ट्रक को झंडी दिखाकर रवाना किया। इफको के एमडी डॉ यूएस अवस्थी, संयुक्त एमडी राकेश कपूर और मार्केटिंग डायरेक्टर योगेंद्र कुमार सहित अन्य लोग वर्चुअली जुड़े हुए थे।

मनसुख मंडाविया ने कलोल में नैनो यूरिया संयंत्र की अपनी यात्रा के बारे में ट्वीट करते हुए हिंदी में लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान पर विकसित नैनो यूरिया के उत्पादन प्रगति का जायजा गुजरात के कलोल में इफको प्लांट में जाकर लिया। ‘नैनो यूरिया’ की एक खेप को हरी झंडी दिखाकर रवाना भी किया। ईकोफ्रेंडली नैनो यूरिया किसानों के लिए आर्थिक बचत और अधिक उपज सुनिश्चित करेगा

शनिवार को कालोल में मौजूद पुरुषोत्तम रूपाला ने प्लांट का दौरा किया और इंजीनियरों से बातचीत की। “रूपाला जी ने कलोलगुजरात में दुनिया के पहले नैनो यूरिया संयंत्र के नियंत्रण इकाई केंद्र का दौरा किया। उन्होंने सभी कार्यों का जायजा लिया और संयंत्र की प्रक्रिया के बारे में जानने के लिए इंजीनियरों के साथ बातचीत की”, इफको के एमडी ने यात्रा का विवरण देते हुए ट्वीट किया।

अपनी यात्रा के दौरान मंत्रियों ने कलोल में इफको द्वारा दुनिया के पहले नैनो यूरिया संयंत्र की स्वचालित पैकेजिंग और डिलीवरी लाइन को भी देखा। इफको के एमडी अवस्थी ने एक ट्वीट के माध्यम से दावा किया कि किसानों को सर्वोत्तम गुणवत्ता देने के लिए संयंत्र विश्व स्तर की पूरी तरह से स्वचालित तकनीक से लैस है।

इससे पहले इफको एमडी ने खुद कलोल इकाई का दौरा किया और टीम के साथ बातचीत की। उन्होंने मिट्टी के पोषण और कृषि के लिए नैनो तकनीक के भविष्य पर भी चर्चा की। अवस्थी ने कहा, “टीम के प्रत्येक सदस्य द्वारा दिखाए गए उत्साह से मैं खुश हूँ”। 

नैनो यूरिया की खेप को हर दिन कोई न कोई वीआईपी झंडी दिखाकर रवाना कर रहे हैं। इफको के अध्यक्ष बीएस नकई से लेकर जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा समेत अन्य ने नैनो यूरिया खेप को झंडी दिखाकर रवाना किया था।

इफ्को द्वारा देशभर के अनुसंधान केंद्रों व खेतों में विभिन्न फसलों पर 11000 से अधिक क्षेत्रों में ट्रायल किया गया था। इस ट्रायल में सामान्य यूरिया की मात्रा में 50% कमी करते हुए नैनो यूरिया तरल का प्रयोग किया गया। इन सभी फसलों में नैनो यूरिया के उत्साहवर्धक परिणाम सामने आए हैं।

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि नैनो यूरिया की आधा लीटर मात्रा एक बोरा सामान्य यूरिया के बराबर काम करेगी। सामान्य यूरिया के फसल में प्रयोग करने पर पौधों को नाइट्रोजन 35 से 40% मात्रा ही मिलती है शेष नाइट्रोजन की मात्रा वायुमृदाभूमिगत जल को प्रदूषित करती है।

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