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उच्चतम करदाता श्रेणी में इफको ने पुरस्कार जीता

इफको ने उच्चतम करदाता श्रेणी में पुरस्कार हासिल करके एक बार फिर सहकारी क्षेत्र को गौरवान्वित किया है। यह पुरस्कार कस्टम विभाग ने गुजरात के दीनदयाल पोर्ट ट्रस्ट कांडला में दिया।

27 जनवरी 2021 को आयोजित इंटरनेशनल कस्टम डे के मौके पर इफको कांडला के प्रमुख ओ.पी. दयामा को दीनदयाल पोर्ट ट्रस्ट के अध्यक्ष एस.के.मेहता ने केएएसईजेड, विकास आयुक्त, आईटीएस, डॉ अमिया चंद्रा और टीवी रवि, आईआरएस, कमिश्नर ऑफ कस्टम्स की उपस्थिति में यह पुरस्कार दिया। पुरस्कार में प्रशस्ति पत्र शामिल है।

इफको के मीडिया प्रमुख हर्षेंद्र वर्धन द्वारा भारतीय सहकारिता को भेजी गई एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, “इफको को कस्टम विभाग ने गुजरात के दीनदयाल पोर्ट ट्रस्ट कांडला को उच्चतम करदाता की श्रेणी में पुरस्कार दिया। इस पुरस्कार ने एक बार फिर हमारे देश की आर्थिक वृद्धि के विकास में इफको के योगदान को दर्शाया है। यह इफको और भारतीय सहकारी आंदोलन के लिए गर्व का क्षण है।

अपनी टीम को बधाई देते हुए इफको के एमडी डॉ यू एस अवस्थी ने ट्वीट किया, “2019-20 वित्त वर्ष के लिए इफको को कांडला कस्टम्स के उच्चतम करदाता के रूप में सम्मानित किया गया। दीनदयाल पोर्ट ट्रस्ट, के अध्यक्ष एस.के.मेहता औऱ केएएसईजेड, विकास आयुक्त, आईटीएस, डॉ अमिया चंद्रा और टीवी रवि, आईआरएस, कमिश्नर ऑफ कस्टम्स ने इंटरनेशनल कस्टम डे के मौके पर दिया।”

पाठकों को याद होगा कि इससे पहले इफको विश्व को शीर्ष 300 सहकारी समितियों में नंबर वन घोषित किया गया था। यह रैंकिंग प्रति व्यक्ति सकल घरेलु उत्पाद(जीडीपी) पर कारोबार के अनुपात पर आधारित है। इंटरनेशनल कोआपरेटिव एलायंस(आईसीए) द्वारा प्रकाशित 9वें वार्षिक वर्ल्ड कोआपरेटिव मॉनीटर रिपोर्ट के 2020 संस्करण के अनुसार यह रैकिंग बताती है कि किसी उद्यम के कारोबार का देश की अर्थव्यवस्था में कितना योगदान है।

इसके अलावा, वर्ष 2020 के लिए फॉर्च्यून इंडिया 500 संस्करण में भी शीर्ष 500 भारतीय कंपनियों में इफको ने 57 वां स्थान हासिल किया है।

इफको भारतीय उपमहाद्वीप क्षेत्र में सबसे बड़ा उर्वरक निर्माता है। इसका कुल कारोबार 29,412 करोड़ रुपये का है। इसके अलावा, इफको का वैश्विक समूह कारोबार 57,778 करोड़ रुपये का है, प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक।

इफको दुनिया की सबसे बड़ी सहकारी समितियों में से एक है और उर्वरकों के निर्माण, बिक्री और वितरण में लगी भारतीय सहकारी समितियों के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है।

इफको की स्थापना सिर्फ 57 सहकारी समितियों के साथ 1967 में स्थापित हुई थी और आज 35,000 से अधिक सहकारी समितियों इफको के साथ जुड़ी हुई है। भारत में इफको की पांच इकाईयां हैं जो देश के विभिन्न राज्यों में फैली हुई है।

2019-20 के दौरान, इफको  ने 9.14 मिलियन टन उर्वरक का उत्पादन किया और भारतीय किसानों को लगभग 13.33 मिलियन टन बेचा। इफको कोरडेट, आईएफएफडीसी और आईकेएसटी के माध्यम से कई विकास गतिविधियों में भी जुटी है। इफको ने खाद्य प्रसंस्करण और ऑर्गेनिक्स में भी निवेश किया है, विज्ञप्ति में दावा किया गया।

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