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बढ़ते एनपीए को रोकने में महानगर कॉपरेटिव बैंक रहा फिसड्डी

महानगर कॉपरेटिव बैंक के मुनाफे में मामूली वृद्धि होने के बावजूद, बैंक वित्त वर्ष 2017-18 में एनपीए को कम करने में असफल रही है जो कि किसी भी बैंक के लिए घातक है। एनपीए के आंकड़े यूसीबी की वेबसाइट पर प्रकाशित किये गये हैं।

बैंक का वित्त वर्ष 2016-17 में सकल एनपीए 6.96 प्रतिशत और शुद्ध एनपीए 1.75 प्रतिशत था लेकिन वित्त वर्ष 2017-18 में सकल एनपीए बढ़कर 9.09 प्रतिशत हो गया और शुद्ध एनपीए 2.99 प्रतिशत पर रूका। एनपीए को कम करने के सभी प्रयास विफल रहे हैं।

इस संवाददाता से बातचीत में बैंक के अध्यक्ष उदय जी शेलके ने सूचित किया कि, “हमने पिछले वित्त वर्ष 2017-18 में अच्छा प्रदर्शन किया है, हमने 2016-17 के वित्त वर्ष में 18.07 करोड़ रुपये के मुकाबले 20.32 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया। हमारे बैंक ने ऋण और अग्रिम के क्षेत्र में वृद्धि की है।

बैंक की कुल जमा राशि 2016-17 में 2,430 करोड़ रुपये थी जो 2017-18 में बढ़कर 2,471 रुपये हो गई है। जबकि ऋण और अग्रिम वित्त वर्ष 2017-18 में बढ़कर 1,533 करोड़ रुपये हो गया है।

बैंक की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए, शेलके ने बताया कि बैंक का कुल कारोबार 4,000 करोड़ रुपये का है और महाराष्ट्र में 67 शाखाओं का नेटवर्क है। हम बैंक के व्यापार को 2022 तक 10,000 करोड़ रुपये तक ले जाने की योजना बना रहे हैं और 100 से अधिक शाखाओं का विस्तार करेंगे, उन्होंने कहा।

बैंक ने अपने कामकाज में उच्च तकनीकों को अपनाया है लेकिन फिर भी मल्टी स्टेट बैंक का दर्जा प्राप्त करने की कोशिश अब तक नाकाम रही है। जानकार लोगों का कहना है कि इसका कारण बैंक का बढ़ता एनपीए हो सकता है और बैंक को एनपीए कम करने के लिए कठोर प्रयास करना चाहिए।

पाठकों को याद होगा कि हाल ही में बैंक ने अपना नाम स्वर्गीय गुलाबरावजी एस शेलके के सम्मान में बदला था जो बैंक के संस्थापक थे। इस अवसर पर पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार मुख्य अतिथि थे।

बैंक की एजीएम में उपाध्यक्ष अपा आर लालखड़े, प्रबंध निदेशक मंजुनाथ कंच, बोर्ड के सदस्य, डी एस माते, महाप्रबंधक, सैंकड़ों की संख्या में प्रतिनिधि, बैंक के अधिकारी समेत अन्य लोग मौजूद थे।

 

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