ताजा खबरेंविशेष

सहकारी कामकाज अब जूम और नई तकनीक के है सहारे

एक कहावत है कि हर बादल पर एक सिल्वर लाइनिंग होती है। चाहें आप जीवन में कितनी भी कठिन परिस्थितियों से गुजर रहे हों, एक उम्मीद हमेशा बरकरार रहती है।

ऐसा अक्सर देखा गया है कि अपने कामकाज में नई तकनीक को अपनाने में सहकारी क्षेत्र हमेशा पीछे रहा है लेकिन संकट की इस घड़ी में सहकारी क्षेत्र भी अपने कामकाज में जूम ऐप, स्काईप समेत अन्य तकनीक का सहारा ले रहा है।

इसका जीता जागता उदाहरण, एनसीयूआई और कृभको के अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह यादव ने दिया। उन्होंने भारतीय सहकारिता से कहा, “हमारे कई कॉन्ट्रैक्ट की अवधि समाप्त हो रही हैं और हमे 31 मार्च से पहले बोर्ड की बैठक का आयोजन करना था; अतः हमारे पास वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था”।

बात दें कि पूरे भारत की तरह चंद्र पाल भी झांसी में अपने परिवार के साथ अपने ही घर पर क्वारंटीन हैं। अक्सर आगंतुकों से घिरे रहने और जीवन की आपाधापी में व्यस्त रहने वाले चंद्र पाल इन दिनों वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग को बहुत मददगार मान रहे हैं।

“आपको विश्वास नहीं होगा कि मैं प्रौद्योगिकी के माध्यम से पूरे भारत के संपर्क में हूँ और उन सभी शीर्ष सहकारी नेताओं के नामों की सूची अपने पास रख ली है जिनसे मैंने हाल ही में बात की है”, उन्होंने कहा।

यादव ने कहा कि केवल आपात स्थिति में और सोशल डिस्टैंसिंग को ध्यान में रखते हुए दैनिक आधार पर झांसी में लोग मुझसे मिलने आते हैं। यादव ने कोरोनावायरस को हराने के लिए प्रौद्योगिक संपर्क के महत्व को रेखांकित किया।

अन्य सहकारी संस्थाओं की भी कहानी कुछ ऐसी ही है। इफको के एमडी डॉ यूएस अवस्थी अपने घर पर सुबह 9 बजे से उर्वरक कंपनी से जुड़े मुद्दों का समन्वयन करते हैं। “भारतीयसहकारिता” से एक अधिकारी ने कहा, “हमारी छुट्टियां नहीं है, बल्कि हम सभी को घर से काम करना है क्योंकि हमारे एमडी एक अथक कार्य करने वाले व्यक्ति हैं।

लॉकडाउन के बावजूद पिछले सभी रिकॉर्डों को तोड़ते हुए इफको के उर्वरकों के उत्पादन में उच्चतम वृद्धि की खबर इन दिनों मीडिया की सुर्खियों में है। इसके अलावा, एमडी उन क्षेत्रों में इफको की गतिविधियों पर बारीकी से नजर बनाए हुए है, जहाँ उनकी टीम कोरोना से लड़ने के लिए लोगों को मास्क, सैनिटाइजर और जरूरत का सामान वितरित कर रही है।

हालांकि अपनी टीम को प्रोत्साहित करने में इफको के एमडी डॉ यू एस अवस्थी हमेशा आगे रहते हैं और लगातार देश के लोगों की मदद करने में उनके द्वारा निभाई जा रही भूमिका को ट्विटर के माध्यम से साझा कर रहे हैं। लेकिन इससे इफको की गतिविधियों की निगरानी रखने में उन्हें कोई बाधा नहीं उत्पन्न हो रही है। “हमारी सभी इकाइयां चालू हैं और देश में कृषि गतिविधियों का समर्थन करने के लिए उर्वरक का उत्पादन चल रहा है”, एमडी ने इस संवाददाता से कहा।

नेफकॉब के अध्यक्ष ज्योतिंद्र मेहता ने भी संकट की इस घड़ी में अर्बन कॉपरेटिव बैंकों से प्रधानमंत्री और सीएम राहत कोष में बढ़-चढ़कर योगदान देना का आग्रह किया है और इन दिनों जूम ऐप के माध्यम से इन बैंकों के प्रतिनिधियों के साथ संपर्क साधने में व्यस्त हैं। मेहता भी अन्य सहकारी नेताओं की तरह अपने ही घर पर क्वारंटीन हैं।

मेहता वरिष्ठ सहकारी नेता एच के पाटिल और उनकी टीम के अन्य बोर्ड सदस्यों के साथ नियमित संपर्क में हैं। “लॉकडाउन के चलते यूसीबी सेक्टर को चुनौतियां का सामने करना पड़ा रहा है और इन चुनौतियों पर तत्काल विचार-विमार्थ करने के लिये जूम ऐप बहुत उपयोगी साबित हो रहा है”, उन्होंने भारतीय सहकारिता से कहा।

हालांकि नेफकब ने सरकार को कई पत्र लिखे हैं और शहरी सहकारी बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े मुद्दों को हल करने की मांग की है, नेफकॉब के पूर्व सीई डी कृष्णा ने बताया, जो दिल्ली के बजाय बैंगलोर में परिवार के साथ हैं।

जूम वीडियो ऐप की सराहना करते हुए कृष्णा ने कहा, “आरबीआई और वित्त मंत्रालय से संपर्क करने के लगभग सभी महत्वपूर्ण विचार और बाद में लिखे गए पत्र लॉकडाउन की अवधि में केवल जूम के माध्यम से ही संभव हो सके।”

Tags
Show More

Related Articles

Back to top button
Close