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फिशकॉफेड एमडी की मंत्री से मुलाकात: नीली क्रांति पर हुयी चर्चा

फिशकोफेड के प्रबंध निदेशक बी के मिश्र ने हाल ही में कृषि भवन में पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन केंद्रीय राज्य मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी से मुलाकात की और मत्स्य सहकारी क्षेत्र से संबंधित मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। 

मंत्री के साथ अपनी बैठक के तुरंत बादमिश्र ने भारतीयसहकारिताके साथ बैठक का विवरण साझा किया। मिश्र ने कहा कि, “हालांकि यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी लेकिन मैंने इस मौके पर मंत्री के समक्ष एक प्रेजेंटेशन पेश की जिसमें मंत्री ने काफी रुचि दिखाई।” मिश्र ने बताया कि बैठक लगभग एक घंटे तक चली।

मैंने मंत्री को मत्स्य सहकारी क्षेत्र के वर्तमान परिदृश्य का व्यापक विवरण दिया और उन्हें इस क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं से रूबरू कराया। देश के मछली किसानों को मजबूत करने के लिए फसल बीमा की तर्ज पर मछली बीमा की पेशकश करने की आवश्यकता है”, मिश्र ने बैठक का विवरण साझा करते हुए कहा।

मिश्र ने मंत्री को बताया कि देश में 2022 तक नीली क्रांति लाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करने के लिए मत्स्य सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने की जरूरत है।

हालांकि मिश्र बेहद खुश थे कि मंत्री ने उनकी बातों को धैर्यपूर्वक सुना और उन्हें मछली फसल बीमा की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए एक संक्षिप्त प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा। मिश्र ने कहा कि वह एक नोट तैयार करेंगे और इसे कुछ दिनों में मंत्री को सौंपेंगे

फिशकोफेड एमडी ने मंत्री को यह भी बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष 2018-19 में 24 राज्यों और 5 केंद्र शासित प्रदेशों के 30,39,374 मछुआरों को ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के माध्यम से पीएमएसबीवाई पॉलिसी के तहत बीमा कवर प्रदान किया गया

मिश्र ने इस अवसर पर आईएएस अधिकारी राजीव रंजन को हाल ही में मत्स्य विभाग में केंद्रीय सचिव के रूप में पदभार संभालने पर बधाई भी दी। वह तमिलनाडु कैडर के 1985 बैच के अधिकारी हैं।

स्मरणीय है कि महासंघ पिछले सात वर्षों से लंबित सरकार से 2 करोड़ रुपये के सेवा शुल्क लेने में असफल रहा।

फिशकोफेड का असमबिहारओडिशाछत्तीसगढ़महाराष्ट्रतेलंगानाऔर तमिलनाडु जैसे राज्यों में अपना कार्यालय है।

इसके सदस्यों के रूप में 18,000 से अधिक प्राथमिक मछुआरा सहकारी समितियां हैं जिससे लगभग 30 लाख मछुआरे जुड़े हुए हैं।

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