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कुरियन जन्मदिन: अमूल ने 2500 किमी की रैली को हरी झंडी दिखाया

पचास युवा बाइकर्स के एक समूह ने 12 दिनों की यात्रा के लिए वाराणसी के पराग डेयरी प्लांट से शुरूआत की, जिनका गंतव्य 2500 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर आणंद (गुजरात) है।

टीम इलाहाबादलखनऊकानपुरआगराग्वालियरभोपालउज्जैनगोधरास्टैच्यू ऑफ यूनिटी होते हुए दूध शहर आणंद (गुजरात) पहुंचेंगे, जहा एक भव्य समापन समारोह का आयोजन किया जाएगा। डॉ. कुरियन ने अपनी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा आणंद में बिताया था।

रैली का समापन 26 नवंबर, 2019 को डॉ कुरियन की कर्मभूमि आणंद में होगाजहां डॉ कुरियन के संदेसवाहकों का शानदार स्वागत किया जाएगा, जो उनको मानवजाती के प्रति योगदान के अनुकूल होगा।

विभिन्न राज्य दुग्ध विपणन संघ जो पराग और सांची जैसे लोकप्रिय ब्रांडों का विपणन करते हैंवे जीसीएमएमएफ़ ब्रांड अमूल के साथ भी हाथ मिलाएंगे। इस प्रकार यह “मिल्कमैन” के लिए एक उपयुक्त श्रद्धांजलि होगी, जिसने भारत में डेयरी उद्योग को नया रूप दिया।

अपनी पूरी यात्रा के दौरानबाइकर्स लोगों से मिलेंगे और डॉ वर्गीज कुरियन द्वारा निर्मित और प्रेरित संस्थानों का दौरा करेंगे। एक ऐसी शैली में जो भारतीय युवाओं को आकर्षित करेगी, ‘#सेलेब्रेटिंगडॉकुरियन‘ उस व्यक्ति के जीवन और कार्यों का पता लगाएगी जिसने भारत को दूध की कमी वाले राष्ट्र से दुनिया के सबसे बड़े दूध उत्पादकों में से एक में बदल दिया।

प्रयागराज में जब टीम पहुंची तो उनका स्वागत पराग डेयरीपीसीडीएफ़प्रयागराज द्वारा किया गया। इस आयोजन के मुख्य अतिथिपराग डेयरी के महाप्रबंधक श्री डी. के. सिंह ने भारत में श्वेत क्रांति लाने के लिए चलाए गए ऑपरेशन फ्लड के युग की समीक्षा की। सिंह ने कहा कि यह तत्कालीन पी एम लाल बहादुर शास्त्री का डॉ कुरियन को बिना शर्त समर्थन था जिसने उन्हें डेयरी उद्योग को वर्तमान ऊंचाइयों तक ले जाने में सक्षम बनाया।

प्रयागराज के प्राग डेयरी के डेयरी विकास अधिकारी ए पी सिंह ने कहा कि यह वास्तव में एक ऐसे बड़े आंदोलन का हिस्सा बनने के लिए एक सम्मान हैजिसने न केवल भारत की लाखों किसान आबादी को आजीविका दी हैबल्कि यह भी सुनिश्चित किया है कि भारत में हर एक बच्चा हर सुबह गिलास दूध पीता है।

ढेर सारी प्रसन्नता और प्रसंशा के बीच बाइकर्स नवाबों के शहर लखनऊ की ओर बढ़े रास्ते में उन्होंने रायबरेली में अपना दोपहर का भोजन किया। बाइकर्स ने आज अपने लखनऊ दर्शन की शुरुआत अंबेडकर मैदानरिवर फ्रंटविधानसभाभूल-भुलैयाक्लॉक टॉवररूबी दरवाजा से होकर की और फिर बनकंठा डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स यूनियनपालनपुर की लखनऊ मिल्क पैकेजिंग यूनिट में पहुंचे, जिसे लोकप्रिय रूप से बनास डेयरी के रूप में जाना जाता हैजो दूध उत्पादों के अमूल ब्रांड का निर्माता है।

2017 में अपने पहले संस्करण मेंअमूल ने राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाया और केरल के कोझीकोड में डॉ कुरियन के जन्मस्थान से 1800 किलोमीटर की दूरी पर गुजरात के आणंद, जो उनकी कर्मभूमि है, तक दिवसीय बाइक रैली का आयोजन किया। स्टेट मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन नेजिन्हों ने तब भाग लिया था, वे थे – मिल्मानंदिनीगोवा डेयरीगोकुल डेयरी और खटराज डेयरी।

दूसरे संस्करण में दिन को दो बाइक रैलियों के साथ मनाया गयाजिसमें 3000 किलोमीटर से अधिक दो मार्गों को एक साथ अलग-अलग स्थानों पर एक साथ शुरू किया गया और आनंद में समापन हुआ। पहला मार्ग जम्मू-कश्मीर से आणंदगुजरात तक थाऔर दूसरा गुजरात के ह्रदय स्थल कच्छ से आनंद तक था। दूसरे संस्करण में स्नोडकैपवेरकावीटामदर डेयरी और सरस जैसे ब्रांडों ने जीसीएमएमएफ-विपणन ब्रांड अमूल का साथ दिया।

2021 में डॉ वर्गीस कुरियन की जन्मशताब्दी के उपलक्ष्य मेंब्रांड अमूल ने हर साल इन समारोहों को बढ़ाने की योजना बनाई है, जिसमें  विभिन्न लोगों और संस्थानों से स्वैच्छिक सहयोग को आमंत्रित करते हुए – उस किंवदंती को एक श्रद्धांजलि दी जाएगी जो हमें सहकारिता का मूल्य सिखाती है।

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