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फ़ीनिक्स की तरह नेफेड पुनर्जीवित; कमाया 280 करोड़ रुपये का लाभ

इस साल की सबसे बड़ी खबर यह है कि नेफेड बड़े बदलाव की लाने की ओर है और इसने वित्त वर्ष 2018-19 में 280 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया। दिल्ली स्थित एनसीयूआई सभागार में गत शुक्रवार को आयोजित कृषि सहकारी संस्था की 62वीं एजीएम के अवसर पर सहकारी नेताओं ने मंच से एक के बाद एक बताया कि नेफेड की यह उन्नति खाकपति से लखपति बनने की तरह है।

कई वर्षों के अंतराल के बाद नेफेड ने इस वर्ष शेयरधारकों के लिए लाभांश की घोषणा की। “बोर्ड ने 12% लाभांश देने का फैसला किया है, जो आने वाले वर्षों में बढ़ना निश्चित है”, करतलध्वनि के बीच नेफेड के अध्यक्ष बिजेन्द्र सिंह ने घोषणा की।

प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए डॉ. बिजेन्द्र सिंह ने यह भी घोषणा की कि प्रतिनिधियों के लिए टीए/डीए दोगुना किया गया है। भाषणों में सहजता से मजाकिया अंदाज में बोलने के लिए जाने जाने वाले अध्यक्ष ने सबका आभार व्यक्त किया और मंत्रालय में नरेंद्र सिंह तोमर से लेकर पुरुषोत्तमभाई रूपाला से लेकर बाबुओं तक सभी का शुक्रिया अदा किया, लेकिन उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशेष प्रशंसा की।

सिंह ने कहा, “मैं एक कांग्रेसी व्यक्ति हूँ, लेकिन माननीय प्रधानमंत्री को उनके हस्तक्षेप के लिए सम्मानित करता हूँ, जिसके परिणामस्वरूप नेफेड बैंकों के साथ “वन टाइम सेटलमेंट” कर सका है। सभापति ने तत्कालीन वित्त मंत्री स्वर्गीय अरुण जेटली द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को भी याद किया।

बिजेन्दर ने लंबी कहानी सुनाई कि कैसे नेफेड को पुनर्जीवित किया गया। उन्होंने नेफेड के उपाध्यक्ष दिलीप संघानी, जो उपस्थित नहीं थे, के प्रयासों का भी उल्लेख किया। उन्होंने अपने समर्थन के लिए पूर्व राज्य मंत्री कुंदारिया का भी धन्यवाद दिया।

“3000 रुपये के ऋण को घटाकर 600 रुपये तक लाया गया और नेफेड की सभी संपत्तियों को बेचने की संभावनाओं को कम कर केवल लॉरेंस रोड स्थित सिर्फ एक की बिक्री के लिए निर्णय लिया गया। तालियों की गड़गड़ाहट के बीच सिंह ने कहा कि मोदी ने हमें नेफेड को पुनर्जीवित करने में इस तरह से मदद की।

सिंह ने सदस्य फेडरेशन/सोसाइटीज के प्रयासों; और नेफेड द्वारा की गई भारी खरीद के लिए नाफेड के अधिकारियों और कर्मचारियों सहित प्रबंध निदेशक और उनकी टीम द्वारा की गई कड़ी मेहनत की भी सराहना की।

प्रबंध निदेशक संजीव कुमार चड्ढा, आईएफ़एस, ने जनरल बॉडी के समक्ष वर्ष 2018-19 के दौरान नेफेड द्वारा की गई व्यावसायिक गतिविधियों का विस्तृत ब्यौरा दिया। उन्होंने मूल्य समर्थन योजना के तहत तिलहन और दालों की रिकॉर्ड खरीद के बारे में और भारत सरकार के मूल्य स्थिरीकरण कोष के तहत दालों और प्याज के बफर स्टॉकिंग में नेफेड की पहल की भी जानकारी दी।

उन्होंने विभिन्न राज्यों में नेफेड के नए कार्यालय के लिए स्थानों की खरीद और कार्यालय खोलने के बारे में भी अवगत कराया। एमडी चड्ढा ने जम्मू और कश्मीर राज्य से अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद कश्मीर से सेब की फसल की खरीद के लिए नेफेड को मान्यता देने और चुनने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया।

अंत में, उन्होंने नेफेड के प्रयासों को पहचानने और इसे बड़ी जिम्मेदारियों को सौंपने में भारत सरकार और इसके विभिन्न मंत्रालयों के योगदान की सराहना की। उन्होंने नेफेड की वर्तमान स्थिति को प्राप्त करने के लिए सभी बोर्ड सदस्यों, प्रतिनिधियों, अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके ईमानदार प्रयासों और सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।

नेफेड के उपाध्यक्ष सुनील सिंह ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।

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