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एनसीडीसी ने पशु-चिकित्सा विश्वविद्यालय के साथ किया समझौता

सहकारी प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) ने हैदराबाद में हाल ही में तेलंगाना राज्य पशु-चिकित्सा विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

एनसीडीसी के प्रबंध निदेशक सुदीप नायक और तेलंगाना राज्य पशु-चिकित्सा विश्वविद्यालय के उप-कुलपति ने ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। समारोह में तेलंगाना के मुख्य सचिव भी उपस्थित थे।

समझौता ज्ञापन का उद्देश्य सहकारी क्षेत्र में प्रशिक्षण, अनुसंधान और नवीन प्रक्रियाओं में सहयोग करना है। जैसा कि हमने पहले बताया था कि, एनसीडीसी का लक्ष्य सहकारी समितियों और नेताओं-कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने पर ध्यान केंद्रित करना है। इसमें सहकारी प्रबंधन के मूल सिद्धांतों के शिक्षण पर जोर दिया गया है।

लिनाक के अलावा अपनी प्रशिक्षण क्षमता का विस्तार करते हुए, एनसीडीसी जल्द ही पांच नए प्रशिक्षण केंद्र खोलने जा रही है। कोलकाता, भुवनेश्वर, हैदराबाद, बैंगलोर और गांधीनगर में स्थित इसके क्षेत्रीय कार्यालयों में प्रशिक्षण-कार्यक्रम आयोजित करने के लिए स्थान को खाली कराया जा रहा है।

इसका उद्देश्य अपनी प्रशिक्षण क्षमता को 6 गुना बढ़ाना है। दिल्ली में अपने मुख्यालय में एनसीडीसी 17 भाषाओं में प्रशिक्षण मॉड्यूल का निर्माण करने के लिए मैक डेस्कटॉप और मल्टीमीडिया सॉफ्टवेयर के साथ एक डिजाइनर स्टूडियो बना रहा है।

विवरण को साझा करते हुए एनसीडीसी के एमडी नायक ने कहा कि, “सभी प्रोडक्शन स्थानीय-निर्मित होंगे और सहकारी क्षेत्र में कई वर्षों से सेवा करने वाले एनसीडीसी के अधिकारियों के अनुभव का यहां उपयोग किया जाएगा।” एक आश्वस्त एमडी ने कहा कि सहकारी प्रशिक्षण के विभिन्न पहलू पर 3 मिनट का यू-ट्यूब वीडियो बनाना कोई बड़ी बात नहीं है।

दूरदराज के क्षेत्रों में सहकारी नेताओं तक पहुंचने में स्थानीय भाषाओं की शक्ति पर जोर देते हुए एमडी ने कहा, “हमें इसके लिए भाषा
विशेषज्ञों की आवश्यकता नहीं है क्योंकि एनसीडीसी के साथ विभिन्न राज्यों के लोग काम करते हैं जो अपनी मूल भाषा के अच्छे जानकार हैं।”

एनसीडीसी ने हाल ही में अपने क्षेत्रीय निदेशकों और कर्मचारी-सदस्यों को दिल्ली में सहकारी प्रशिक्षण के मुद्दे पर विचार करने के लिए बुलाया था। वरिष्ठ सहकारी नेता सतीश मराठे इस अवसर पर उपस्थित थे।

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