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ए पी रजिस्ट्रार फोरम: सहकारिता को मजबूत करने पर बल

उच्च स्तरीय सहकारिता कार्यक्रम – “एशिया पैसिफिक को-ऑपरेटिव रजिस्ट्रार फोरम” वियतनाम में सम्पन्न हुआ। इसमें भाग लेने वाले प्रतिभागियों ने एशिया और पैसिफिक क्षेत्र में सहकारीता आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए पुनः बैठक करने का संकल्प लिया।
 
भारत के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के केंद्रीय रजिस्ट्रार डॉ. अभिलक्ष लिखी ने इस अवसर पर अपने भाषण में कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारी नेटवर्क का प्रचार-प्रसार करना सबसे महत्वपूर्ण है। लिखी ने यह भी कहा कि जलवायु परिवर्तन के अनुसार स्वयं को ढालना और स्मार्ट व्यवहारों को अपनाना सहकारिता के लिए ध्यान केंद्रित करने के अन्य बिन्दु होने चाहिए।
 
इस मौके पर लिखी ने सहकारी आंदोलन में अधिक से अधिक युवाओं को शामिल करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। सहकारी क्षेत्र में युवाओं की भागीदारी जरूरी है। अपनी प्रेजेंटेशन में लिखी ने एनसीडीसी की ओर से अक्टूबर में होने वाले वैशविक सहकारी मेले का जिक्र भी किया।
 
इस अवसर पर 33 देशों से 100 सहकारी संस्थाओं से 300 से अधिक प्रतनिधियों ने भाग लिया। श्री ब्रूनो रोएलंट्स- महानिदेशक के साथ आईसीए ग्लोबल के अन्य कई प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
 
भारत से कई प्रतिनिधि मौजूद थे लेकिन आईसीए-ए-पी के वाइस चेयरमैन चंद्र पाल सिंह यादव चुनाव कार्यक्रम में व्यस्त होने के कारण बैठक का हिस्सा नहीं बन पाए लेकिन भारतीय दल भी काफी मजबूती से खड़ा था। भारत से 15 से अधिक सहकारी नेताओं ने भाग लिया जिसमें एनसीयूआई गवर्निंग काउंसिल के सदस्य सीई के शिवदासन नायर और एनसीयूआई सी एन सत्यनारायण, नेफेड के एमडी संजीव चड्ढा, फिशकॉफेड के एमडी बी के मिश्रा, नेफसकॉब के एमडी भीमा सुब्रमण्यम, बुलढाणा अर्बन के सीईओ सुकेश ज़मवार, महिला सहकारी नेता नंदिनी आज़ाद समेत अन्य लोग मौजूद थे।
 
केंद्रीय रजिस्ट्रार के अलावे जानी-मानी महिला कॉपरेटर नंदिनी आज़ाद ने अपना भाषण दिया जिसमें उन्होंने सहकारी आंदोलन में महिलाओं की भागीदारी पर जोर दिया। 
 
आईसीए ए-पी के क्षेत्रीय निदेशक बालू अय्यर ने फोरम के बारे में ट्वीट किया और लिखा कि, “हो ची मिन्ह सिटी में आईसीए-एपी रजिस्ट्रार फोरम के दूसरे दिन समावेशी समाजों, स्थायी खाद्य प्रणालियों और कार्य तथा उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सहकारी समितियों पर सरकार के दृष्टिकोण को ध्यान में रखा गया”। सिंगापुर, भारत, भूटान, म्यांमार, किर्गिस्तान, मलेशिया, फिजी और नेपाल के दृष्टिकोण को भी फोरम में रखा गया।
 
बालू ने साथ मिलकर काम करने और आगे बढ़ने की जरूरत पर भी जोर दिया। उन्होंने सहकारिता के प्रकार की परिभाषा, कार्यकर्ता-सदस्य की स्थिति, सदस्यों की न्यूनतम संख्या तथा सहकारी संस्थाओं के वित्तपोषण के मामलों – जिनका सामना आज सहकारी संस्थाएं कर रही हैं – को शीर्ष पर रखते हुए विस्तार से चर्चा की।
 
मलेशियाई सहकारी सोसाइटीज कमीशन ने क्षेत्र में सहकारी उद्यमिता की उभरती जरूरत पर जोर दिया। मलेशिया में 14 हजार से अधिक सहकारी संस्थाओं – विशेष रूप से निम्न आय-वर्ग और ग्रामीण समुदायों को सेवा प्रदान कर रही हैं, एक मलेशियन वक्ता ने कहा।
 
आईसीए के श्री ब्रूनो रोएलांट्स- महानिदेशक और श्री ह्युंगसिक इयूम- सांख्यिकी और रणनीति अधिकारी ने भी द्वितीय एपी सहकारी रजिस्ट्रार फोरम में अपने मूल्यवान विचार व्यक्त किए।
 
एशिया पैसिफिक को-ऑपरेटिव रजिस्ट्रार फोरम 17 अप्रैल को हो ची मिन्ह सिटी में आरंभ हुआ था जिसका थीम “21 वीं शताब्दी में सहकारिता के सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए कानूनी ढांचा और नीतियों को सक्षम बनाना” था।
 
फोरम को संयुक्त रूप से वियतनाम सहकारी एलायंस, इंटरनेशनल को-ऑपरेटिव एलायंस एशिया-पैसिफिक (आईसीए-एपी) और ऑर्गेनिक एग्रीकल्चरल इकोनॉमिक्स द्वारा आयोजित किया गया था। वियतनाम के उप-प्रधानमंत्री वुओंग दीन्ह ह्यू ने इसका उद्घाटन किया था।
 
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