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सहकारिता आंदोलन को सशक्त बनाने की आवश्यकता: अमिताभ कांत

भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ द्वारा आयोजित 20वें वैकुंठ भाई स्मृति व्याख्यान देते हुए नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने कहा कि क्रान्ट्रेक्ट फारमिंग को बढ़ावा देने के बजाय किसानों की आय को दोगुना करने के लिए सहकारिता आंदोलन को सशक्त बनाना चाहिए। 

उन्होंने आगे कहा कि सहकारिता के माध्यम से ही किसानों को उनके उपज का सही दाम सही समय पर मिल सकता है। इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न सहकारी संस्थाओं के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक भी मौजूद थे।

कांत ने आगे कहा कि उत्पादक सहकारिताओं के सदस्यों के अधिकार के लिए कुशल प्रबंधन और उनकी जवाबदेही बहुत आवश्यक है। उन्होंने युवाओं को सहकारिता में जोड़ने पर भी बल दिया। इस दिशा में उन्होंने भारत सरकार की युवा सहकारी स्कीम जो राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम द्वारा संचालित की जा रही हैं, के बारे में कहा कि इससे ज्यादा से ज्यादा युवा वर्ग सहकारिता से जुड़ सकते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि सहकारिताओं को सूचना प्रौद्योगिक और नई प्रौद्योगिकी अपनाना होगा और कोल्ड स्टोरेज और अपनी भंडारण क्षमता को भी मजबूत करना होगा ताकि मूल्य सवंर्धन से किसानों को अधिक से अधिक फायदा मिल सके। सहकारिताओं को भी नई क्षेत्र जैसे फ्लोरीकल्चर, हॉर्टिकल्चर इत्यादि में आगे बढ़ना होगा ताकि किसानों की आय को दोगुना किया जा सके।

नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि सहकारिताओं को अपने पदार्थों की मार्केटिंग और ब्रांडिग पर ध्यान देना होगा। नई कृषि निर्यात नीति के परिपेक्ष में उन्होंने ये भी कहा कि सहकारिताओं से जुड़े किसानों को अपने उत्पादों को निर्यात करने के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे जिससे किसानों की आय को दोगुना किया जा सके। ई-नाम प्लेटफार्म को मजबूत करने के लिए एक आन्दोलन चलाने पर उन्होंने बल दिया।

भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ के उपाध्यक्ष जी. एच अमीन ने इस अवसर पर कहा कि देश की पंचवर्षीय योजना में सहकारिताओं को उचित स्थान मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि सहकारिताओं को बजट में नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सहकारिताओं के विस्तृत नेटर्वक और पहुंच पर उन्होंने प्रकाश डालते हुए कहा कि सहकारिताएं किसानो की आय को दोगुना करने में काफी सक्षम है।

एन. सत्यनारायण मुख्य कार्यकारी, भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ ने इस अवसर पर वैकुंठ भाई मेहता की जीवनी और उनके योगदान के बारे में दो शब्द कहे। श्रीमती आरती बिसारिया, प्रसिद्ध महिला सहकारी नेता ने कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस अवसर पर भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ की सांख्यिकी पुस्तिका का भी विमोचन हुआ।

 

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