
भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय में अपर सचिव पंकज कुमार बंसल ने सोमवार को अल्मोड़ा जनपद की विभिन्न सहकारी संस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण एवं मूल्यांकन किया।
इस अवसर पर उन्होंने सहकारिता क्षेत्र में हो रहे नवाचारों और जमीनी कार्यों की सराहना की तथा स्थानीय महिलाओं के आत्मनिर्भरता की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की भूरी-भूरी प्रशंसा की।
निरीक्षण के क्रम में अपर सचिव ने सबसे पहले डीनापानी स्थित हिमाद्री हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट सहकारी समिति लिमिटेड का दौरा किया।
यहां उन्होंने समिति की कार्यप्रणाली, उत्पादन प्रक्रिया और महिला सदस्यों द्वारा किए जा रहे बुनकरी कार्यों का अवलोकन किया। लूम्स पर कार्यरत महिलाओं की मेहनत और कौशल देखकर उन्होंने विशेष रूप से उनकी सराहना की और कहा कि इस प्रकार के प्रयास महिलाओं को स्वरोजगार और कौशल विकास के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर हैं।
अपर सचिव ने समिति द्वारा अल्पकालिक और मध्यकालिक ऋण वितरण की प्रक्रिया की जानकारी ली। इस पर समिति सचिव ने बताया कि जहां राष्ट्रीयकृत बैंक रबी और खरीफ फसलों के लिए समेकित ऋण सीमा निर्धारित कर कृषकों को अधिक सुविधा प्रदान कर रहे हैं, वहीं एम-पैक्स द्वारा फसलवार दो बार ऋण वितरण किया जाता है, जिससे कृषकों को ऋण की उपलब्धता की तुलना में असमानता उत्पन्न हो रही है। इस पर अपर सचिव ने नीति स्तर पर विचार करने का आश्वासन दिया।
इसके पश्चात उन्होंने माधों सिंह भंडारी संयुक्त सहकारी खेती योजना के अंतर्गत 125 नाली भूमि पर डमास्क रोज और रोजमैरी की नर्सरी का अवलोकन किया।
यह कार्य क्षेत्र की महिला स्वयं सहायता समूहों और स्थानीय नागरिकों के सहयोग से संचालित हो रहा है। उन्होंने स्थानीय महिलाओं से संवाद करते हुए खेती के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और समर्पण की सराहना की।
इस अवसर पर उन्होंने पनुवानीला एम-पैक्स के सचिव/प्रबंध निदेशक श्री चंद्रकांत उप्रेती की भी विशेष रूप से प्रशंसा की, जो इस सहकारी खेती योजना का संचालन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल सहकारिता आंदोलन को मजबूती प्रदान कर रही है, बल्कि ग्रामीण रोजगार और महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा दे रही है।
निरीक्षण कार्यक्रम में सहकारिता विभाग के संयुक्त निबंधक नीरज बेलवाल, उप निबंधक हरीश चंद्र खंडूरी, जिला सहायक निबंधक रोहित कुमार, जिला विकास अधिकारी एस. के. पंत, रीप अल्मोड़ा के जिला परियोजना प्रबंधक, तथा एनसीडीसी के क्षेत्रीय निदेशक विवेक त्रिपाठी सहित संबंधित रेखीय विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अंत में अपर सचिव बंसल ने कहा कि सहकारी संस्थाएं ग्रामीण भारत की रीढ़ हैं और उनके सशक्तिकरण के बिना समग्र विकास अधूरा है।