लोक सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने “युवा सहकार – सहकारी उद्यम समर्थन और नवाचार योजना” के बारे में जानकारी साझा की।
उन्होंने बताया कि 30 नवंबर, 2024 तक, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) ने 18,915 लाभार्थी सदस्यों वाली सहकारी समितियों को कुल 4,734.97 लाख रुपये की वित्तीय सहायता मंजूर की है और 294.44 लाख रुपये की सहायता पहले ही जारी की जा चुकी है। हालांकि, हिमाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश से अभी तक किसी भी पात्र सहकारी संस्था से कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है, जिससे इन क्षेत्रों में पहुंच और आवेदन प्रक्रियाओं में संभावित कमी का संकेत मिलता है।
“युवा सहकार – सहकारी उद्यम समर्थन और नवाचार योजना” को एनसीडीसी द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है, जो देशभर में सहकारिता मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक सांविधिक निगम है। इस योजना का उद्देश्य नए और/या अभिनव विचारों के साथ नवगठित सहकारी समितियों को प्रोत्साहित करना है।
यह योजना विशेष रूप से युवा उद्यमियों को लक्षित करती है, और केवल उन सहकारी समितियों को लाभ देती है जो कम से कम 3 महीने से कार्यरत हैं। योजना के तहत प्रदान किया गया ऋण दीर्घकालिक (5 वर्ष तक) होता है, और एनसीडीसी परियोजना गतिविधियों के लिए सावधि ऋण पर अपनी लागू ब्याज दर पर 2% ब्याज अनुदान प्रदान करता है।
इसके अतिरिक्त, योजना के तहत ऋण को भारत सरकार की अन्य योजनाओं के तहत उपलब्ध सब्सिडी के साथ भी जोड़ा जा सकता है, जिससे यह सहकारी संस्थाओं के लिए एक लचीला और प्रभावी वित्तीय साधन बनता है। एनसीडीसी का वित्तपोषण परियोजना आधारित है।
इसके अलावा, सरकार ने एनसीडीसी के सहयोग से प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पीएसीएस) द्वारा 1,100 अतिरिक्त सहकारी समितियों के गठन की अनुमति दी है, जिनका गठन उन ब्लॉकों में किया जाएगा, जहां अभी तक फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन (एफपीओ) का गठन नहीं हुआ है या वे ब्लॉक अन्य कार्यान्वयन एजेंसियों द्वारा कवर नहीं किए गए हैं। इसके अलावा, एनसीडीसी द्वारा सहकारी क्षेत्र में 1,207 एफपीओ का गठन किया गया है।
यह योजना किसानों को आवश्यक बाजार संपर्क प्रदान करने और उनकी उपज के लिए उचित और लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने में सहायक होगी, जिससे कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा और सहकारी मॉडल के माध्यम से किसानों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।