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आरबीआई ने पांच अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों पर लगाया जुर्माना

भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को पांच अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों पर 13.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। इन बैंकों में भुज कमर्शियल कोऑपरेटिव बैंक, संखेड़ा नागरिक सहकारी बैंक, लिमडी अर्बन कोऑपरेटिव बैंक, श्री भारत कोऑपरेटिव बैंक और द कोऑपरेटिव अर्बन बैंक, परलाखेमुंडी शामिल हैं।

भुज कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जिला कच्छ, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश, 2016’ और ‘भारतीय रिज़र्व बैंक (सहकारी बैंक – जमाराशि पर ब्याज दर) निदेश, 2016’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए 1.50 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि संखेड़ा नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, संखेड़ा, जिला छोटाउदेपुर, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों आदि को ऋण और अग्रिम – प्रतिभू/ गारंटीकर्ता के रूप में निदेशक – स्पष्टीकरण’ के साथ पठित ‘निदेशकों, रिश्तेदारों और फर्मों/ संस्थाओं, जिनमें उनका हित हो, को ऋण और अग्रिम’ तथा ‘यूसीबी द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशि रखना’ संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के लिए 5.00 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 13 दिसंबर 2023 के आदेश द्वारा दि लिमड़ी अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लिमड़ी, जिला दाहोद, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘भारतीय रिज़र्व बैंक (सहकारी बैंक – जमाराशि पर ब्याज दर) निदेश, 2016’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए 50,000 रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।

श्री भारत को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वड़ोदरा (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशि रखना’ और ‘भारतीय रिज़र्व बैंक (सहकारी बैंक – जमाराशि पर ब्याज दर) निदेश, 2016’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए 5.00 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, पार्लाखेमुंडी, ओडिशा (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की सदस्यता’ और ‘एक्सपोजर मानदंड तथा सांविधिक/अन्य प्रतिबंध – शहरी सहकारी बैंक’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए 1.50 लाख रुपये मात्र का मौद्रिक दंड लगाया है।

यह दंड, प्रत्यय विषयक जानकारी कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 (सीआईसी अधिनियम) की धारा 23(4) के साथ पठित धारा 25(1)(iii) और बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्‍त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

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