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24 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 10 हजार नए पैक्स हो रहे हैं गठित: शाह

सहकार-से-समृद्धि की संकल्पना को साकार करने हेतु, सहकारिता मंत्रालय नई सहकारी समितियों को बढ़ावा देने और देश में सहकारी आंदोलन को सशक्त करने के लिए राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के साथ समन्वय में काम कर रहा है।

राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी), राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (एनएफडीबी), राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) और अन्य राष्ट्रीय स्तर के संघ के सहयोग से, अगले पांच वर्षों में प्रत्येक पंचायत/गांव को नए बहुउद्देश्यीय पैक्स या प्राथमिक डेयरी/मत्स्य पालन सहकारी समितियों की स्थापना के कवर करने वाली एक योजना को सरकार द्वारा मंजूरी दी गई है।

जैसा कि राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा रिपोर्ट किया गया है, 24 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 9,961 नई पैक्स/डेयरी / मत्स्य सहकारी समितियों को पंजीकृत करने की प्रक्रिया विभिन्न चरणों में है, केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा।

इसके अलावा, सहकारिता मंत्रालय ने देश में सहकारी समितियों को बढ़ावा देने और आर्थिक और सामाजिक विकास लाने के लिए विभिन्न पहल की हैं।

एनसीडीसी, सहकारिता मंत्रालय के अंतर्गत एक संविधिक निकाय है जो अपनी युवा सहकार पहल के माध्यम से नई सहकारी समितियों को प्रोत्साहन देता है। इस योजना के तहत, एनसीडीसी नए सहकारी उद्यमों को रियायती ब्याज दर पर वित्तीय सहायता प्रदान करता है।

सरकार ने प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिसमें पैक्स का कम्प्यूटरीकरण, जिसके तहत सभी कार्यात्मक पैक्स को ईआरपी (एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग) आधारित एकल राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर पर लाना शामिल है, जो उनकी परिचालन दक्षता में सुधार करने, ऋणों के शीघ्र वितरण को सुनिश्चित करने, लेनदेन लागत को कम करने और पारदर्शिता बढ़ाने में मदद करेगा; पैक्स के लिए मॉडल उपनियम जो उन्हें डेयरी, मत्स्य पालन, फूलों की खेती, गोदामों की स्थापना, खाद्यान्नों, उर्वरकों, बीजों, एलपीजी / सीएनजी / पेट्रोल / डीजल डिस्ट्रीब्यूटरशिप, आदि सहित 25 से अधिक व्यावसायिक गतिविधियों को शुरू करके अपने व्यवसाय में विविधता लाने में सक्षम बनाएंगे।

इसके अलावा, पैक्स एक ही जगह पर किसानों को उर्वरक, कीटनाशक और विभिन्न अन्य कृषि इनपुट प्रदान करने वाले प्रधान मंत्री किसान समृद्धि केंद्र के रूप में कार्य कर पाएंगे; पैक्स प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र के रूप में काम कर पाएंगे जिसके तहत ग्रामीण नागरिकों को किफायती दामों पर जेनेरिक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी; आदि शामिल हैं।

इसके अतिरिक्त, पैक्स को सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) के रूप में कार्य करने में सक्षम बनाने हेतु सहकारिता मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, नाबार्ड और सीएससी ई-गवर्नेस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के बीच एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया है। यह पैक्स को सीएससी द्वारा प्रदान की जा रही 300 से अधिक ई-सेवाओं, जिसमें बैंकिंग, बीमा, आधार नामांकन / अपडेशन, स्वास्थ्य सेवाएं, कानूनी सेवाएं, आदि शामिल हैं, को वितरित करने में सक्षम बनाएगा। अब तक, देश भर में 24,470 पैक्स सीएससी सेवाएं प्रदान करना शुरू कर चुके हैं और बिहार राज्य में 2,063 पैक्स ने ऐसी सेवाएं प्रदान करना शुरू कर दिया है।

 

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