तेलंगाना के मुख्यमंत्री का पद संभालने के तुरंत बाद, रेवंत रेड्डी ने बारह से अधिक सहकारी समितियों के मनोनीत अध्यक्ष को बर्खास्त कर दिया।
तेलंगाना के प्रमुख सहकारी नेताओं में शुमार के रवींद्र राव अभी तक सुरक्षित हैं। ज्ञात हो कि राव मनोनीत नहीं बल्कि चुने हुये नेता हैं। राव न केवल राज्य सहकारी बैंकों के शीर्ष राष्ट्रीय निकाय नेफस्कॉब के अध्यक्ष हैं, बल्कि तेलंगाना राज्य सहकारी बैंक और करीमनगर डीसीसीबी के भी अध्यक्ष हैं।
हालांकि निर्वाचित सहकारी नेता राव तेलंगाना के पूर्व सीएम केसीआर के करीबियों में से एक हैं। लेकिन कहा जाता है कि राव ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस से ही की थी।
गुजरात के अहमदाबाद में इस संवाददाता के साथ एक आकस्मिक मुलाकात में, राव ने कहा, “मुख्यमंत्री बदल जाने से मेरी सहकारिता राजनीति पर कोई असर नहीं पड़ना चाहिए क्योंकि यह चुनावी राजनीति से अलग है।” उन्होंने कहा कि मूलतः वह कांग्रेसी हैं।
मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि रेवंत रेड्डी सरकार ने विभिन्न निगमों के 54 अध्यक्षों को बर्खास्त कर दिया है। तेलंगाना की मुख्य सचिव ए शांति कुमारी ने इस संबंध में आदेश जारी किये।
जिन सहकारी समितियों सह निगमों के अध्यक्षों को बर्खास्त किया गया है वे इस प्रकार हैं:
तेलंगाना राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड- गट्टू थिमप्पा
तेलंगाना राज्य सहकारी संघ लिमिटेड- राजा वरप्रसाद राव वनारसा
तेलंगाना राज्य डेयरी विकास सहकारी संघ लिमिटेड- सोमा भरत कुमार
तेलंगाना राज्य अनुसूचित जनजाति सहकारी वित्त विकास निगम लिमिटेड- एस्लावथ रामचंदर नाइक
तेलंगाना राज्य सहकारी तेल बीज उत्पादक संघ लिमिटेड- कांचरला राम कृष्ण रेड्डी
तेलंगाना राज्य मत्स्य पालन सहकारी समितियां फेडरेशन लिमिटेड- पित्तला रविंदर (अध्यक्ष) और दीती मल्लैह – (उपाध्यक्ष)
तेलंगाना राज्य टोडी टैपर सहकारी वित्त निगम लिमिटेड- पल्ले रवि कुमार गौड़
तेलंगाना राज्य गिरिजन सहकारी निगम लिमिटेड- रामावथ वाल्या नाइक
तेलंगाना राज्य अनुसूचित जाति सहकारी विकास निगम लिमिटेड-बांदा श्रीनिवास
तेलंगाना राज्य विकासगुला सहकारी विकास निगम लिमिटेड- डॉ के वासुदेव रेड्डी
तेलंगाना राज्य महिला सहकारी विकास निगम लिमिटेड-अकुला ललिता
तेलंगाना राज्य भेड़ और बकरी विकास सहकारी संघ लिमिटेड- डुडीमेटला बलाराजू यादव