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बड़े लक्ष्य की ओर एनसीसीएफ को प्रोत्साहित किया शाह ने

एनसीसीएफ के अध्यक्ष हों या एमडी, बोर्ड के सदस्य हों या फिर कर्मचारी- किसी ने यह नहीं सोचा था कि केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह इतने बड़े पैमाने पर एनसीसीएफ को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की रूपरेखा प्रस्तुत करेंगे।

उपभोक्ता सहकारी संघ की बोर्ड मीटिंग में भाग लेते हुए शाह ने न सिर्फ इसके कारोबार को कई गुना बढ़ाने की बात कही बल्कि विश्व की सबसे बड़ी भंडारण योजना में भी भूमिका निभाने के लिए एनसीसीएफ को तैयार रहने को कहा।

बैठक के तुरंत बाद भारतीय सहकारिता से बातचीत में एनसीसीएफ के अध्यक्ष विशाल सिंह ने कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने हमें हमारी अपेक्षा से भी ज्यादा दिया। उन्होंने हमसे बड़े पैमाने पर प्याज के भंडारण के लिए तकनीकी अध्ययन कराने को भी कहा है। उन्होंने हमें जल्द से जल्द पैक्स से जुड़ने के लिए ऑनलाइन होने के लिए भी प्रेरित किया है।”

विशाल ने कहा की बैठक बहुत सकारात्मक सोच पर संपन्न हुई। इस मौके पर शाह ने हमारे काम की भी सराहना की और खासकर टमाटर और प्याज की कीमतों को स्थिर करने में एनसीसीएफ के प्रयासों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने एनसीसीएफ टीम से 2028 तक 50,000 करोड़ रुपये का कारोबार हासिल करने को कहा और हम इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए मिशन मोड में काम करेंगे।”

एनसीसीएफ को लेकर शाह की सोच को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि शीर्ष उपभोक्ता सहकारी संघ निकट भविष्य में ही स्वयं के स्वामित्व वाले एक सुंदर कार्यालय में शिफ्ट हो सकती है। वर्तमान में एनसीसीएफ का कार्यालय किराए पर एनसीयूआई प्रांगण में है। शाह से जुड़े कई लोगों ने इस बात को दोहराया कि शाह कोई भी बयान देने से पहले पूरा होमवर्क करते हैं। उन्होंने एनसीसीएफ से यहां तक पूछा कि क्या वह अभी बांग्लादेश को प्याज निर्यात करने के लिए तैयार है, एक प्रतिभागी ने कहा।

एनसीडीसी के बोर्डरूम में बोर्ड के सदस्यों से मुलाकात करते हुए, शाह ने उन्हें 2028 तक 50,000 करोड़ रुपये का कारोबार हासिल करने के लिए प्रेरित किया।

शाह ने न केवल एनसीसीएफ टीम को निर्धारित लक्ष्य हासिल करने के लिए मिशन मोड में काम करने को कहा, बल्कि एनसीसीएफ को मदद करने का भी आश्वासन दिया। इस अवसर पर, मंत्री ने प्याज, चना दाल आदि जैसी खाद्य वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने और उपभोक्ताओं को मोबाइल वैन के माध्यम से स्थिर दरों पर उपलब्ध कराने में एनसीसीएफ द्वारा निभाई जा रही भूमिका की भी सराहना की।

बैठक में विशाल के अलावा, एनसीसीएफ के उपाध्यक्ष यशपाल सिंह यादव, एनसीयूआई के अध्यक्ष दिलीपभाई संघानी, बिजेंद्र सिंह, सुनील कुमार सिंह, अजय राय, वीरेंद्र सिंह, एनसीसीएफ के एमडी अनिस जोसेफ चंद्रा समेत अन्य सहकारी नेता उपस्थित थे। इस दौरान केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के सचिव ज्ञानेश कुमार भी मौजूद रहे।

एनसीसीएफ के शीर्ष प्रबंधन ने केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के आगमन पर उनका जोरदार स्वागत किया। एक प्रतिभागी ने  कहा कि अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद, शाह ने सहकारिता आंदोलन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए एनसीडीसी मुख्यालय में लगभग एक घंटा बिताया।

शाह के दौरे पर एनसीयूआई के अध्यक्ष दिलीपभाई संघाई ने कहा, ”बैठक बहुत सार्थक रही। केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने एनसीसीएफ टीम को बड़ा सोचने के लिए प्रेरित किया है। हाल के वर्षों में, एनसीसीएफ की वित्तीय स्थिति अच्छी नही थी, लेकिन अमितभाई शाह के नेतृत्व में नए सहकारिता मंत्रालय के निर्माण के साथ, चीजें बेहतर हो रही हैं और एनसीसीएफ अब अच्छी तरह से काम कर रहा है।

संघानी ने आगे कहा कि शाह ने एनसीसीएफ से किसानों के बीच उन फसलों के बारे में जागरूकता पैदा करने को कहा, जिन्हें देश दूसरे देशों से आयात कर रहा है। हम अपनी घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए दूसरे देशों से अरहड दाल और अन्य दालें खरीद रहे हैं। हमें इस परियोजना पर काम करना चाहिए, ताकि इन फसलों का आयात कम किया जा सके”, उन्होंने कहा।

इससे पहले, शाह ने दिल्ली में इफको, कृभको, नेफेड और एनसीयूआई के मुख्य कार्यालयों का दौरा किया था। पाठकों को याद होगा कि पिछले महीने एनसीसीएफ ने अपनी 53वीं एजीएम आयोजित की थी, जिसमें बताया गया कि एनसीसीएफ की कुल बिक्री वित्त वर्ष 2022-23 में 2811 करोड़ रुपये रही और 29.25 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया।

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