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जेम: सावित्री ने महिला उद्यम बनाने में एनसीयूआई की भूमिका को किया उजागर

एनसीयूआई की उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी सावित्री सिंह ने नई दिल्ली स्थित कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में “वुमनिया ऑन गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम)” की सफलता के अवसर पर आयोजित एक समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।

2019 में आरंभ की गई, “वोमनिया” पहल का उद्देश्य जीईएम पोर्टल पर अनौपचारिक क्षेत्र से महिला उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की सहभागिता को प्रोत्साहित करना और बिचौलियों को हटाते हुए विभिन्न सार्वजनिक खरीदारों को सीधे उनके उत्पादों की बिक्री की सुविधा प्रदान करना है।

वर्तमान में, 1.44 लाख से अधिक उद्यम-सत्यापित महिला सूक्ष्म, लघु उद्यम (एमएसई) जिन्हें “वुमनिया” के रूप में जाना जाता है, जीईएम पोर्टल पर विक्रेता और सेवा-प्रदाता के रूप में पंजीकृत हैं और उन्होंने सकल वस्तु मूल्य (जीएमवी) में 21,265 करोड़ रुपये के 14.76 लाख से अधिक ऑर्डर पूरे किए हैं, पीआईबी की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक।

इस कार्यक्रम में बोलते हुए, सावित्री सिंह ने समाज में उद्यमियों के रूप में महिलाओं के योगदान पर जोर दिया और उनकी रोजगार क्षमता को बढ़ाने में एनसीयूआई की पहल को साझा किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एनसीयूआई की उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुख्य अतिथि सावित्री सिंह ने समाज में उद्यमियों के रूप में महिलाओं के योगदान पर बल दिया और एनसीयूआई सहकारी शिक्षा प्रक्षेत्र परियोजनाओं की पहलों को साझा किया, जिनका निर्माण महिलाओं की पक्षधरता, लोकसंपर्क, गतिशीलता और क्षमता निर्माण के माध्यम से उत्तर पूर्व और भारत के अविकसित क्षेत्रों में सहकारी समितियों की एसएचजी महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक विकास के उद्देश्य से किया गया है।

विशिष्ट अतिथियों डॉ. आर. के. सिंह, और डॉ. इशिता गांगुली त्रिपाठी ने भी जनसमूह को संबोधित किया और महिला उद्यमियों के लाभ के लिए सिडबी और एमएसएमई मंत्रालय के माध्यम से उपलब्ध विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी।

यह कार्यक्रम जीईएम द्वारा स्व-नियोजित महिला संघ, भारत (सेवा भारत) के साथ साझेदारी में आयोजित किया गया था और इसमें महिला उद्यमियों तथा हितधारक संगठनों और संघों के प्रतिभागियों ने सहभागिता की थी।

इस आयोजन की मुख्य विशेषताओं में मेराबिल्स की सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती पिया बहादुर द्वारा वित्तीय साक्षरता पर प्रस्तुति, सेवा भारत की राष्ट्रीय समन्वयक श्रीमती संचिता मित्रा द्वारा डिजिटल समावेशन के माध्यम से अनौपचारिक अर्थव्यवस्था के भीतर महिला उद्यमियों के लिए बनाए गए नए अवसरों पर प्रस्तुति, जीईएम विक्रेता प्रशंसापत्र पर लघु फिल्म, सेवा भारत द्वारा “वॉयस फ्रॉम द ग्राउंड” और “सार्वजनिक खरीद में वोमनिया” पर नीति विशेषज्ञों द्वारा अनौपचारिक चर्चा शामिल थीं।

“वोमनिया” का उद्देश्य समाज के हाशिये पर महिला उद्यमिता जो सार्वजनिक खरीद बाजारों तक पहुँचने में चुनौतियों का सामना करती हैं, का विकास करना है और महिलाओं के स्वामित्व वाले तथा नेतृत्व वाले एमएसई, जनजातीय उद्यमी, दिव्यांगजन, स्टार्टअप, एसएचजी, कारीगर और बुनकर जैसे वंचित विक्रेता समूहों के जेंडर समावेशी आर्थिक विकास अर्जित करने की दिशा में काम करना है। “वोमनिया” महिलाओं के स्वामित्व और नेतृत्व वाले एमएसई के लिए सार्वजनिक खरीद में तीन प्रतिशत के लक्ष्य को अलग करने की सरकार की पहल के साथ अच्छी तरह से संयोजित है।

जीईएम ने सार्वजनिक खरीद में महिला केन्द्रित सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों महिला उद्यमियों तथा एसएजी को प्रशिक्षित करने, सहायता करने और सक्षम करने के लिए स्व-नियोजित महिला संघ (सेवा) के साथ और सार्वजनिक खरीद में सेवाप्रदाताओं के रूप में महिला सीमस्ट्रेस को प्रशिक्षित करने और कौशल प्रदान करने के लिए उषा सिलाई स्कूल के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

स्थानीय निकायों, सहकारी समितियों, पंचायती राज संस्थानों जैसे अंतिम-मील के हितधारक और सार्वजनिक खरीद में कॉरपोरेट्स, निजी कंपनियों, कॉलेजों, वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान संस्थानों तथा विश्वविद्यालयों जैसे हितधारक “वोमनिया” पहल के विकास और सफलता से लाभान्वित होगा।

“वोमनिया” पहल महिला उद्यमियों द्वारा सामना की जाने वाली “बाजारों तक पहुंच”, “वित्त तक पहुंच” और “मूल्य-संवर्धन तक पहुंच” की तिहरी चुनौती का समाधान करने का प्रयास करती है और भारत में अंतिम-मील उत्पादकों और सेवाप्रदाताओं की अप्रयुक्त उद्यमशीलता ऊर्जा को स्थानीय सरकारी खरीदारों के साथ संयोजित होने का प्रयत्न करती है।

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