इस सप्ताह की शुरुआत में आरबीआई ने चार कोऑपरेटिव बैंकों और निजी क्षेत्र के दो प्रमुख बैंकों पर जुर्माना लगाया है।
कोऑपरेटिव बैंकों में नव-जीवन सहकारी बैंक, ढकुरिया सहकारी बैंक, पलानी सहकारी शहरी बैंक और बलांगीर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक का नाम शामिल हैं वहीं निजी बैंकों में कोटक महिंद्रा बैंक, इंडसइंड बैंक पर आरबीआई ने जुर्माना ठोका है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने नव जीवन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर आरबीआई द्वारा एक्सपोजर मानदंड और सांविधिक / अन्य प्रतिबंध -यूसीबी पर जारी निदेशों के उल्लंघन के लिए 2 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
आरबीआई ने बलांगीर जिला केंद्रीय को-ऑपरेटिव बैंक पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 9 के प्रावधानों और इस संबंध में आरबीआई द्वारा जारी निदेशों (गैर-बैंकिंग आस्तियों का निपटान) के उल्लंघन / अननुपालन के लिए 1 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
रिज़र्व बैंक ने ढकुरिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कोलकाता, पश्चिम बंगाल पर ‘एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक/अन्य प्रतिबंध – यूसीबी’ और अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश पर आरबीआई द्वारा शहरी सहकारी बैंकों को जारी निदेशों के उल्लंघन/अननुपालन के लिए 2 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
इसी तरह, पलनी को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड पर, एक्सपोजर मानदंड और सांविधिक/अन्य प्रतिबंध – यूसीबी पर जारी निदेशों के उल्लंघन / अननुपालन के लिए 2 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
यह दंड आरबीआई द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड पर एक करोड़ पांच लाख और इंडसइंड बैंक लिमिटेड पर एक करोड़ रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।