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एनसीयूआई–एनसीडीसी कैंपस में एफपीओ संगम; बाज़ार लिंकेंज पर फोकस

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा एनसीयूआई सभागार और एनसीडीसी परिसर में आयोजित प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना – किसान उत्पादक संगठन संगम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। गेट्स फाउंडेशन के सहयोग और इंटेलकैप एडवाइजरी सर्विसेज के संचालन में आयोजित इस कार्यक्रम में 15 राज्यों और 33 पीएमडीडीकेवाई जिलों से आए 72 से अधिक एफपीओ, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, वित्तीय संस्थान, निजी क्षेत्र के खरीदार तथा एग्री-टेक नवप्रवर्तक शामिल हुए।

दिन की शुरुआत एनसीडीसी परिसर में एफपीओ प्रदर्शनी के उद्घाटन से हुई। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव देवेश चतुर्वेदी ने प्रदर्शनी का शुभारंभ किया और विभिन्न किसान उत्पादक समूहों से संवाद करते हुए उन्हें बाज़ार संपर्क और मूल्यवर्धन को और मजबूत बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।

अपने मुख्य संबोधन में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना में एफपीओ की भूमिका केंद्रीय एवं परिवर्तनकारी है। इस योजना का उद्देश्य उत्पादकता में वृद्धि, सिंचाई दक्षता सुधार, फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना और कटाई-पश्चात प्रबंधन का आधुनिकीकरण करना है। उन्होंने कहा कि किसान उत्पादक संगठन इन सुधारों की रीढ़ हैं, जो किसानों के लिए बेहतर आय और व्यापक बाज़ार अवसर सुनिश्चित करते हैं।

डॉ. चतुर्वेदी ने कार्यक्रम में मौजूद खरीदारों, प्रसंस्करणकर्ताओं और खुदरा शृंखलाओं से आग्रह किया कि वे एफपीओ के साथ दीर्घकालिक सोर्सिंग व्यवस्थाएँ विकसित करें, ताकि किसानों को स्थिर बाज़ार और बेहतर मूल्य मिल सके। उन्होंने कहा कि एफपीओ संगम जैसे आयोजन सहयोग, नवाचार और बाज़ार-आधारित अवसरों को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण मंच प्रदान करते हैं।

अनुभव-साझाकरण सत्र के दौरान धन-धान्य जिलों से आए किसानों और एफपीओ प्रतिनिधियों ने अपनी उत्पादकता, बाज़ार पहुंच और आय में सुधार से जुड़ी सफलता की कहानियाँ साझा कीं। एफपीओ स्टॉलों पर पूरे दिन खरीदारों, सरकारी अधिकारियों और आगंतुकों की भीड़ लगी रही, जहाँ प्रतिभागियों ने उत्पादों का अवलोकन किया और सीधी खरीदारी भी की। प्रदर्शनी दूसरे दिन भी जारी रही।

दिन का समापन हाई-टी और नेटवर्किंग सत्र के साथ हुआ, जिसमें किसान उत्पादक संगठनों के प्रतिनिधियों, तकनीकी विशेषज्ञों, सरकारी अधिकारियों और निजी क्षेत्र के भागीदारों ने हिस्सा लिया।

कार्यक्रम के दूसरे दिन अतिरिक्त तकनीकी सत्रों, किसानों की सफलता साझा करने और एफपीओ संगम के समापन समारोह का आयोजन किया गया।

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