
भारतीय रिज़र्व बैंक ने नियामकीय निर्देशों के उल्लंघन पर सख्त रुख अपनाते हुए तमिलनाडु और कर्नाटक के पांच सहकारी बैंकों पर मौद्रिक दंड लगाया है।
यह कार्रवाई आरबीआई द्वारा जारी विभिन्न अनुपालन दिशानिर्देशों-जैसे कि अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी), एक्सपोज़र मानदंड, और लाभांश की घोषणा संबंधी प्रावधानों-के उल्लंघन के मामलों में की गई है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि ये दंड बैंकिंग क्षेत्र में अनुशासन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लगाए गए हैं।
आरबीआई के 22 और 23 अक्तूबर 2025 के आदेशों के अनुसार, दि अरांतंगी को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड, तमिलनाडु पर 50,000 रुपये का दंड लगाया गया है। यह दंड ‘शहरी सहकारी बैंकों द्वारा लाभांश की घोषणा’ संबंधी दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के कारण लगाया गया।
इसी प्रकार, कामुती को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, तमिलनाडु पर केवाईसी मानकों के अनुपालन में कमियों के लिए 50,000 रुपये का मौद्रिक दंड लगाया गया है।
इसके अलावा, दि शेवापेट अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, तमिलनाडु को ‘एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक/अन्य प्रतिबंध – यूसीबी’ से संबंधित दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के लिए 50,000 रुपये का दंड भुगतना पड़ा है। वहीं, दि वालपराई को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, कोयंबटूर पर ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ मानकों के उल्लंघन हेतु 1 लाख रुपये का दंड लगाया गया है।
कर्नाटक राज्य में स्थित दि तुमकूर डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड पर बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 20 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए 1 लाख रुपये का दंड लगाया गया है। यह कार्रवाई आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए धारा 46(4)(i), धारा 47ए(1)(सी) तथा धारा 56 के तहत की गई है।
आरबीआई ने अपने वक्तव्य में स्पष्ट किया कि इन दंडों का उद्देश्य बैंकों की वित्तीय स्थिति या उनके ग्राहकों के साथ किए गए किसी विशेष लेन-देन की वैधता पर प्रश्न उठाना नहीं है। बल्कि, यह कदम नियामकीय मानदंडों के कड़ाई से अनुपालन और बैंकिंग प्रणाली में सुशासन व जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।



