
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के अहिल्यानगर जिले के कोपरगांव में देश के पहले सहकारी कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) संयंत्र और पोटाश ग्रैन्यूल निर्माण इकाई का शुभारंभ किया।
यह संयंत्र महर्षि शंकरराव कोल्हे सहकारी साखर कारखाने में स्थापित किया गया है। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं अजित पवार, केन्द्रीय सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल सहित अनेक लोग उपस्थित थे।
अमित शाह ने कहा कि यह परियोजना भारत के सहकारी चीनी उद्योग के इतिहास में एक नई शुरुआत है। लगभग 55 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित इस संयंत्र से प्रतिदिन 12 टन कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) और 75 टन पोटाश का उत्पादन होगा। उन्होंने कहा कि इन दोनों उत्पादों का अब तक भारत आयात करता रहा है, लेकिन इस संयंत्र के माध्यम से देश आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की ओर एक ठोस कदम बढ़ा रहा है।
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार आने वाले दिनों में राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के माध्यम से देशभर की 15 चयनित चीनी मिलों में ऐसे संयंत्र स्थापित करने में सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल ऊर्जा के क्षेत्र में स्वावलंबन की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे किसानों को अतिरिक्त आय के अवसर भी प्राप्त होंगे।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि महर्षि शंकरराव कोल्हे सहकारी साखर कारखाना सहकारिता की चक्रीय अर्थव्यवस्था का एक आदर्श उदाहरण बन गया है। उन्होंने कहा कि यह मॉडल महाराष्ट्र की अन्य चीनी मिलों के लिए भी प्रेरणादायक है और इसे पूरे राज्य में लागू किया जाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि यह कारखाना पहले ही भारत का पहला गन्ना-आधारित इथेनॉल संयंत्र स्थापित कर चुका है और अब हरित ऊर्जा, पोटाश उत्पादन एवं फलों के प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में विस्तार कर रहा है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और किसानों की आमदनी बढ़ेगी।
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में देश में सहकारिता मंत्रालय की स्थापना के बाद ग्रामीण भारत को नई दिशा मिली है। सहकारिता अब देश की अर्थव्यवस्था का एक सशक्त स्तंभ बनकर उभर रही है।
उन्होंने अंत में कहा कि “सहकारिता के माध्यम से स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार हो रहा है। कोपरगांव में शुरू हुआ यह सहकारी सीबीजी संयंत्र इसी दिशा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगा।”