
गुजरात के प्रमुख सहकारी बैंकों में से एक मेहसाणा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक (एमयूसीबी) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए मिश्रित वित्तीय परिणाम प्रस्तुत किए। बैंक की लाभप्रदता में बड़ी गिरावट दर्ज की गई, जबकि जमा और निवेश में मामूली बढ़ोतरी देखने को मिली।
वर्तमान हालात को देखते हुए निदेशक मंडल ने इस वर्ष लाभांश घोषित न करने का फैसला किया है।
31 मार्च 2025 तक बैंक का कुल कारोबार 15,222.48 करोड़ रुपये पर पहुँचा। इसमें जमा राशि 9,245.15 करोड़ रुपये और अग्रिम ऋण 5,977.33 करोड़ रुपये शामिल हैं। बैंक की सतर्क ऋण नीति परिसंपत्ति गुणवत्ता सुधार पर फोकस को दर्शाती है।
लाभप्रदता के मोर्चे पर बैंक को दबाव झेलना पड़ा। वर्ष के दौरान शुद्ध लाभ घटकर 38.57 करोड़ रुपये रह गया, जबकि पिछले वर्ष यह 122.95 करोड़ रुपये था। हालांकि प्रावधान से पहले परिचालन लाभ 196.51 करोड़ रुपये दर्ज किया गया। बैंक प्रबंधन का कहना है कि अधिक प्रावधान करना एक रणनीतिक कदम था, ताकि वित्तीय अनुशासन और भविष्य की मजबूती सुनिश्चित की जा सके।
इसके बावजूद, एमयूसीबी ने मजबूत वित्तीय स्थिति बनाए रखी। बैंक की नेटवर्थ 780.86 करोड़ रुपये और सीआरएआर 16.23% दर्ज किया गया। निवेश बढ़कर 4,311.28 करोड़ रुपये पर पहुँचा, जिससे सरकारी और नॉन-एसएलआर प्रतिभूतियों में लेनदेन से 10.64 करोड़ रुपये की आमदनी हुई। खास बात यह रही कि किसी भी निवेश को अनुत्पादक घोषित नहीं किया गया।
भविष्य की दिशा तय करते हुए बैंक ने वित्त वर्ष 2025-26 में कारोबार को 16,936.24 करोड़ रुपये तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा है। इसमें जमा 10,364.53 करोड़ रुपये और अग्रिम ऋण 6,571.71 करोड़ रुपये तक ले जाने की योजना है। खुदरा ऋण में विशेषकर आवास ऋण (32.5% वृद्धि) और वाहन ऋण (40% वृद्धि) पर जोर दिया जाएगा। बैंक ने परिचालन लाभ का लक्ष्य 266.76 करोड़ रुपये तय किया है।
नवनिर्वाचित चेयरमैन दह्याभाई मंजंददास पटेल ने कहा, “हमारा फोकस बैंक के प्रदर्शन को पुनर्जीवित करने, परिसंपत्ति गुणवत्ता को बेहतर बनाने और जमाकर्ताओं का विश्वास बहाल करने पर है। वित्तीय मजबूती और सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।”
पाठकों को याद होगा कि पदभार संभालने के बाद पटेल ने अपनी कंपनी परफेक्ट इंफ्राकॉर्प प्रा. लि. से 10 करोड़ रुपये का जमा स्वयं बैंक में कराया है, जो संस्थान के प्रति उनके मजबूत भरोसे और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।