
दिल्ली में आयोजित बीटी इंडिया@100 कार्यक्रम में गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (अमूल) के प्रबंध निदेशक जयन मेहता ने कहा कि अमेरिकी बाजार में भारतीय डेयरी उत्पादों पर ऊंचे आयात शुल्क, जैसे घी पर 50% और श्रीखंड पर 75%, के बावजूद भारतीय प्रवासी समुदाय के बीच मांग पर कोई खास असर नहीं पड़ा है।
उन्होंने अमूल की भविष्य की रणनीति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कंपनी मूल्य-आधारित, प्रोटीन-समृद्ध डेयरी उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देगी, ताकि वैश्विक स्तर पर पोषण और उच्च गुणवत्ता वाले खाद्य विकल्पों की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके।
मेहता ने जोर देकर कहा कि गुणवत्ता और परंपरा, अमूल की वैश्विक सफलता की सबसे बड़ी ताकत हैं और कंपनी इन्हें बनाए रखते हुए नए बाजारों में प्रवेश करने की दिशा में लगातार काम कर रही है।