ताजा खबरें

बनास में शाह ने बायो-सीएनजी प्लांट का किया शुभारंभ

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को बनास डेयरी परिसर में नवनिर्मित बायो-सीएनजी एवं फर्टिलाइज़र प्लांट का उद्घाटन और 150 टन क्षमता वाले पाउडर प्लांट का शिलान्यास किया। कार्यक्रम में गुजरात विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी, केन्द्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर, मुरलीधर मोहोल, सहकारिता सचिव डॉ. आशीष भूटानी सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे।

समारोह को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि गलबाभाई नानजीभाई पटेल द्वारा शुरू की गई बनास डेयरी की यात्रा आज 24 हजार करोड़ रुपये के कारोबार तक पहुँच चुकी है। उन्होंने कहा कि “इतना बड़ा कारोबारी ढांचा खड़ा करना किसी भी बड़े कॉरपोरेट के लिए चुनौती होता, लेकिन बनासकांठा की बहनों और किसानों ने इसे संभव कर दिखाया।”

शाह ने बताया कि जनवरी में देशभर की विभिन्न डेयरियों के करीब 250 चेयरमैन और एमडी बनास डेयरी मॉडल का प्रत्यक्ष अध्ययन करने आएँगे।

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सुजलाम-सुफलाम योजना के तहत नर्मदा और माही का अतिरिक्त पानी लाकर क्षेत्र का कायाकल्प किया गया, जिससे किसान अब एक के बजाय तीन फसलें उगाने में सक्षम हुए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि बनासकांठा और मेहसाणा में पानी से आई समृद्धि पर विस्तृत रिसर्च के लिए दो विश्वविद्यालयों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

अमित शाह ने कहा कि 24 हजार करोड़ रुपये के डेयरी कारोबार की मजबूत नींव महिलाओं द्वारा दूध संग्रहण में निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा, “बिना किसी आंदोलन और नारेबाजी के, पारदर्शी व्यवस्था के तहत हर हफ्ते माताओं-बहनों के खाते में पैसा सीधे पहुँच रहा है—यह महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण का अनूठा उदाहरण है।”

शाह ने कहा कि बनास डेयरी आज एशिया की सबसे बड़ी दुग्ध उत्पादक डेयरी बन चुकी है। उन्होंने गलबा काका के सरल मंत्र, “हमारे पास रुपये कम हैं, लेकिन हम बहुत सारे लोग हैं”, को सहकारिता आंदोलन की रीढ़ बताया।

शाह ने बायो-सीएनजी, जैविक खाद, बिजली उत्पादन और गोबर के वैज्ञानिक उपयोग को डेयरी की नई दिशा बताया। उन्होंने कहा कि “गाय-भैंस का एक ग्राम गोबर भी बर्बाद नहीं होगा। इससे बनने वाली कमाई भी किसान के खाते में जाएगी।”

शाह ने घोषणा की कि आगे चलकर देश की सहकारी डेयरियाँ अपना पशु आहार स्वयं तैयार करेंगी, जिससे लाभ सीधे पशुपालकों तक पहुँचेगा। उन्होंने बताया कि सरकार ने इस पूरी व्यवस्था के लिए तकनीक और वित्तीय ढांचा तैयार कर लिया है।

उन्होंने बताया कि किसानों के लिए तीन और डेयरी क्षेत्र के लिए तीन—कुल छह नई राष्ट्रीय सहकारी संस्थाएँ गठित की गई हैं, जो उत्पादन से लेकर मार्केटिंग और निर्यात तक पूरी वैल्यू चेन में काम करेंगी। शाह ने कहा कि सर्कुलर इकोनॉमी मॉडल लागू होने पर किसानों की कम से कम 20% अतिरिक्त आय सुनिश्चित होगी।

अंत में उन्होंने कहा कि बनास डेयरी का मॉडल अब पूरे देश में करोड़ों पशुपालकों के लिए समृद्धि का माध्यम बनेगा।

Tags
Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close