
अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के अवसर पर पिछले सप्ताह शुक्रवार को ओड़िशा में एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम राजभवन के न्यू अभिषेक हॉल में आयोजित किया गया, जिसमें राज्य के राज्यपाल डॉ. हरि बाबू कांभमपाटी सहित सहकारिता क्षेत्र से जुड़े कई लोग मौजूद रहे।
कार्यक्रम के दौरान ओड़िशा मार्कफेड और भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय के तहत तीन राष्ट्रीय स्तर की नई सहकारी संस्थाओं — नेशनल कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एनसीओएल), नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (एनसीईएल), तथा भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (बीबीएसएसएल) के बीच समझौता पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
यह रणनीतिक साझेदारी ओड़िशा के सहकारी उत्पादकों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच प्रदान करेगी, जैविक एवं सतत कृषि को प्रोत्साहित करेगी और किसानों तथा ग्रामीण उत्पादकों की आय को सुरक्षित बनाएगी।
अपने संबोधन में राज्यपाल कांभमपाटी ने कहा कि सहकारिता आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
उन्होंने सहकारिता क्षेत्र में क्षमता विकास, लिंग समावेशन, पारदर्शिता और तकनीक आधारित शासन को बढ़ावा देने पर जोर दिया, जो राष्ट्रीय मिशन “सहकार से समृद्धि” के अनुरूप है।
राज्यपाल ने 30 प्राथमिक सहकारी समितियों (पैक्स) और लघु सहकारी बहुउद्देशीय समितियों (लैम्प्स) को सदस्यता प्रमाणपत्र प्रदान किए। साथ ही उन्होंने ओड़िशा के प्रमुख सहकारी ब्रांड जैसे बोयानीका, उत्कलिका, टीडीसीसी, आमलाना और ओएमएफेड को सांस्कृतिक संरक्षण एवं आर्थिक सशक्तिकरण में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया।
सहकारिता मंत्री प्रदीप बाल सामंता ने अपने संबोधन में पैक्स और लैम्प्स में सुधार के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता दोहराई और बेहतर शासन, पारदर्शिता एवं संचालन क्षमता के लिए विभागीय प्रयासों को उजागर किया।
केंद्र सरकार के सहकारिता मंत्रालय के निदेशक डॉ. मुकेश कुमार ने प्राथमिक सहकारी संस्थाओं को स्थानीय एवं राष्ट्रीय विकास के इंजन बनाने में केंद्र सरकार के समर्थन की पुष्टि की। सहकारिता विभाग के आयुक्त एवं सचिव राजेश प्रभाकर पाटिल ने स्वागत भाषण दिया और ओड़िशा की पहलों की व्यापक सहकारी आंदोलन में भूमिका पर बल दिया।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय सहकारी संस्थाओं के प्रबंध निदेशकों के साथ संवाद सत्र, ओड़िशा की सहकारी उपलब्धियों की प्रदर्शनी, तथा दुग्ध, हथकरघा और जनजातीय विकास क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले सहकारी संस्थाओं के सम्मान समारोह भी आयोजित किए गए।