
सहकारिता मंत्रालय ने एक ट्वीट में बताया है कि बिहार में प्राथमिक कृषि साख समितियों (पैक्स) के माध्यम से संचालित कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) ग्रामीण लोगों के जीवन स्तर को सुधारने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। अब गांवों में ही सीएससी केंद्रों के माध्यम से 300 से अधिक सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे ग्रामीणों को बार-बार शहरी क्षेत्रों में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
वर्तमान में राज्य में 4,316 पैक्स द्वारा संचालित सीएससी सक्रिय हैं। इन केंद्रों के माध्यम से रेलवे, बस और हवाई टिकटों की बुकिंग के साथ-साथ आयुष्मान कार्ड, ई-श्रम कार्ड, पैन कार्ड और आधार कार्ड जैसी सेवाएं दी जा रही हैं। अब तक इन केंद्रों पर लगभग 4.5 करोड़ रुपये का लेन-देन हो चुका है।
इस पहल के पहले चरण में 4,477 पैक्स का कंप्यूटरीकरण किया गया, जबकि 5,987 पैक्स को सीएससी आईडी आवंटित की जा चुकी हैं।
राज्य के सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने इस प्रयास की सराहना करते हुए इसे ग्रामीण सशक्तिकरण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।