
पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया, समाचार पत्रों और विभिन्न चैनलों पर राजस्थान के किशनगढ़ में हुई कार्रवाई के बाद इफको के उत्पादों को लेकर कई तरह के भ्रामक और झूठे दावे किए जा रहे हैं। किसानों की अग्रणी सहकारी संस्था इफको ने इस संबंध में स्पष्ट बयान जारी करते हुए इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है और इसे पूरी तरह निराधार बताया है।
इफको ने कहा है कि उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है कि किसानों तक सही और सटीक जानकारी पहुंचे ताकि वे किसी भी प्रकार के कुप्रचार का शिकार न हों। संस्था ने किसानों से अपील की है कि वे किसी भी भ्रामक खबर पर विश्वास न करें और इफको द्वारा लंबे समय से दी जा रही गुणवत्ता पूर्ण सेवाओं पर भरोसा बनाए रखें।
संस्था ने दो प्रमुख बिंदुओं पर स्पष्टता दी है। पहला, जहां-जहां प्रशासनिक कार्रवाई हुई, वहां इफको का कोई भी उर्वरक मौजूद नहीं था। ऐसे में यह कहना कि कार्रवाई में इफको के उत्पाद पाए गए, पूरी तरह से गलत और भ्रामक है।
दूसरा, कुछ स्थानों पर इफको के संयुक्त उपक्रम एक्वाग्री द्वारा निर्मित ‘सागरिका दानेदार बायोस्टीम्युलेंट’ पाया गया है, जो कि पूरी तरह से वैध उत्पाद है। यह उत्पाद भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार तैयार किया जाता है और इसमें सीएसआईआर-सीएसएमसीआरआई की तकनीक का उपयोग होता है। इसमें प्रयुक्त डोलोमाइट, जिप्सम, सीवीड पाउडर और बेंटोनाइट जैसे तत्व मानक और स्वीकृत हैं।
इफको ने जोर देते हुए कहा है कि सागरिका दानेदार में किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं है और यह उत्पाद किसानों की फसल उत्पादन क्षमता बढ़ाने में प्रभावी भूमिका निभा रहा है।
अंत में, संस्था ने करबद्ध निवेदन किया है कि किसान किसी भी प्रकार के झूठे प्रचार में न आएं और अपने खेतों में केवल इफको के प्रमाणित व गुणवत्ता युक्त उर्वरकों और जैव उद्दीपकों का ही उपयोग करें। इफको ने दोहराया कि वह किसानों के हितों की रक्षा और उनकी उत्पादकता बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।