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इफको ने रचा नया कीर्तिमान: नैनो उर्वरक बिक्री में 47% की बढ़ोतरी, 3,811 करोड़ रुपये मुनाफा

भारतीय किसान उर्वरक सहकारी संस्था लिमिटेड (इफको) ने वित्त वर्ष 2024-25 में शानदार प्रदर्शन करते हुए 3,811 करोड़ रुपये का कर-पूर्व लाभ (प्री-टैक्स लाभ) अर्जित किया है। यह लगातार तीसरा वर्ष है जब इफको ने 3,000 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ दर्ज किया है।

विश्व की सबसे बड़ी उर्वरक सहकारी संस्था इफको ने गुरुवार को अपना 54वाँ वार्षिक महासभा (एजीएम) का आयोजन प्रतिष्ठित ‘भारत मंडपम’ में किया। कश्मीर से कन्याकुमारी तक के सहकारी प्रतिनिधि इस ऐतिहासिक आयोजन में शामिल हुए।

इस वर्ष नैनो उर्वरकों की बिक्री में 47% की जबरदस्त वृद्धि हुई, जिससे इफको ने 41,244 करोड़ का कुल कारोबार (टर्नओवर) हासिल किया। वित्त वर्ष 2024-25 में कुल 365.09 लाख बोतलों की बिक्री हुई, जो पिछले वर्ष के 248.95 लाख बोतलों की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है।

विशेष रूप से, नैनो डाई-अमोनियम फॉस्फेट (नैनो डीएपी) की बिक्री में 118% और नैनो यूरिया प्लस की बिक्री में 31% की वृद्धि दर्ज की गई। ये आँकड़े दर्शाते हैं कि पर्यावरण-अनुकूल और उच्च दक्षता वाले उर्वरकों को भारतीय किसानों से जबरदस्त समर्थन मिल रहा है।

इफको के अध्यक्ष दिलीप संघानी ने इस उपलब्धि का श्रेय “सहकार से समृद्धि” के विजन, सरकार के सहयोग और किसानों तक पहुँच बनाने वाले अभियानों को दिया। उन्होंने यह भी बताया कि इफको पिछले 23 वर्षों से अपने सदस्यों को 20% लाभांश देता आ रहा है।

इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. यू. एस. अवस्थी ने संगठन की भावी योजनाएँ साझा करते हुए बताया कि जल्द ही नैनो नाइट्रोजन-फॉस्फोरस-पोटैशियम (नैनो एनपीके) को दानेदार रूप (ग्रैन्यूलर फॉर्म) में और नैनो जिंक व नैनो कॉपर को 100 मिलीलीटर की तरल बोतलों में बाज़ार में लाने की योजना है।

नैनो उर्वरकों की सफलता के चलते इस वर्ष लगभग 12 लाख मीट्रिक टन पारंपरिक यूरिया और 4.85 लाख मीट्रिक टन पारंपरिक डीएपी की खपत में बचत हुई। सागरिका लिक्विड की बिक्री 33% बढ़कर 11.55 लाख लीटर, सागरिका ग्रैन्यूल्स की बिक्री 28% बढ़कर 68,000 मीट्रिक टन और जैव-उर्वरक (बायो-फर्टिलाइज़र) की बिक्री 35% बढ़कर 8.61 लाख लीटर हो गई।

इफको ने इस वर्ष “मॉडल नैनो विलेज क्लस्टर परियोजना” शुरू की, जिसके तहत देशभर के 203 क्लस्टरों का चयन किया गया। 90,000 से अधिक किसानों ने पोर्टल पर पंजीकरण किया और 72,000 एकड़ क्षेत्र में ड्रोन के माध्यम से छिड़काव (स्प्रे) किया गया। इससे रासायनिक उर्वरकों के उपयोग में 28.73% की कमी और औसतन 5.8% की उपज वृद्धि हुई।

सरकार के मेगा कैंपेन के अंतर्गत इफको ने देश के 15 कृषि-जलवायु क्षेत्रों में 1,470 फील्ड ट्रायल किए, जिनमें औसतन 5% से अधिक की उपज वृद्धि दर्ज की गई। इफको ने 2.5 लाख छिड़काव यंत्र (स्प्रेयर्स) वितरित किए और 1,764 कृषि ड्रोन व ई-वाहनों की व्यवस्था कर ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षण देकर सेवाएँ प्रारंभ कीं।

वैश्विक स्तर पर इफको की उपस्थिति 40 से अधिक देशों में फैल चुकी है और अमेरिका, ब्राज़ील, केन्या जैसे बाजारों में उसकी नैनो तकनीक को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है।

इस वर्ष डॉ. अवस्थी को अंतरराष्ट्रीय सहकारी गठबंधन (आईसीए) द्वारा ‘रॉचडेल पायनियर्स अवॉर्ड’ और सहकार भारती द्वारा ‘फर्टिलाइज़र मैन ऑफ इंडिया’ की उपाधि से सम्मानित किया गया।

इफको ने सहकारी क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए गुजरात के मंसिंहभाई कल्याणजीभाई पटेल को ‘इफको सहकारिता रत्न पुरस्कार’ और हरियाणा के अमरीक सिंह को ‘इफको सहकारिता बंधु पुरस्कार’ से नवाजा।

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