केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने केंद्रीय बजट 2023-24 का स्वागत करते हुए कहा कि यह बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “सहकार से समृद्धि” विजन को साकार करने में मदद करेगा।
“मोदी सरकार ‘सहकार से समृद्धि’ के मंत्र पर चल सहकारिता के माध्यम से करोड़ों लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए संकल्पित भाव से कार्य कर रही है। आज बजट में सहकारिता क्षेत्र को सशक्त करने के लिए किये गए अभूतपूर्व निर्णय इसी संकल्प का प्रतीक हैं”, उन्होंने एक ट्वीट करते हुए कहा।
शाह ने कहा कि नकद निकासी पर टीडीएस की अधिकतम सीमा 3 करोड़ रुपये करने, पैक्स और पीसीएआरडीबी द्वारा नकद जमा व ऋण के लिए प्रति सदस्य 2 लाख रुपये की सीमा प्रदान करने का निर्णय सरहनीय है।
सहकारी क्षेत्र के लिए एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है, जिसमें चीनी सहकारी समितियों द्वारा 2016-17 से पहले किसानों को किये गए भुगतान को अपने खर्च में दिखा पाने की सुविधा दी गयी है इससे करीब 10 हजार करोड़ रुपये की राहत सहकारी चीनी मिलों को मिलेगी। मैं इस प्रस्ताव का स्वागत करता हूँ, केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा।
एक अन्य ट्वीट में, उन्होंने नई सहकारी समितियों को लाभ देने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। “31 मार्च 2024 तक बनने वाली मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की सहकारी समितियों को सिर्फ 15% टैक्स के दायरे में रखने पर मोदी जी का आभार”, उन्होंने कहा।
इसके अलावा, अगले 5 वर्षों में सरकार हर पंचायत में नई बहुउद्देशीय सहकारी समितियों, प्राथमिक मत्स्य समितियों और डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना की सुविधा प्रदान करेगी। इससे सहकारिता आंदोलन को नई दिशा और गति प्राप्त होगी, जिससे यह क्षेत्र और अधिक सशक्त होगा, शाह ने कहा।
उन्होंने आगे कहा, बजट में विश्व की सबसे बड़ी विकेन्द्रीकृत भंडारण क्षमता स्थापित करने की योजना से सहकारी समितियों से जुड़े किसान अपनी उपज का भंडारण कर सकेंगे और उपज को सही समय पर बेच कर उचित मूल्य प्राप्त कर पाएंगे। यह किसानों की आय बढ़ाने के मोदी जी के संकल्प में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा।