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विशाल केस हारे, नेफेड की सीट खोने का खतरा

विशाल सिंह मुसीबत में फंस गए है क्योंकि उनकी पेरेंट संगठन की सदस्यता खतरे में है। भारतीय सहकारिता को   मालूम हुआ है कि पिता अजीत सिंह द्वारा विशाल के पुनः नामांकन को उदवंतनगर व्यापार मंडल सहयोग  सहकारी समिति के रजिस्ट्रार ने अवैध पाया है।

यह इस व्यापार मंडल से अपने नामांकन के आधार पर नाफेड सहित कई प्रतिष्ठित सहकारी संगठनों में महत्वपूर्ण पदों पर काबिज़ है।

विशाल सिंह को नiपसंद करने वाले व्यक्ति और बिस्कॉमॉन के पूर्व अध्यक्ष सुनील सिंह ने नेफेड की सदस्यता से तत्काल उनके इस्तीफे की मांग की है।

सच्चाई छुप नही सकती बनावट के वसूलों से (सच्चाई के ऊपर बड़ी गलतियों पर तुच्छ बातें करके उस गलती पर पर्दा नही डाला जा सकता हैं)  सुनील सिंह ने हिंदी गीत के शब्दों के साथ प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनसे 2007 के बाद से नेफेड द्वारा उन पर किए गए सभी टीए-डीए खर्च को  उनसे वसूला जाना चाहिए।

मामला 2007 का है जब उदवंतनगर व्यापार मंडल से रणजीत सिंह, कृषि सहकारी नेफेड में प्रतिनिधि के रूप में अजित सिंह के छोटे भाई नामित थे। रणजीत एक प्रतिनिधि के रूप में अपने नामांकन से पहले ही एक निर्वाचित सदस्य थे।

लेकिन अपने पिता की मृत्यु के बाद विशाल सिंह ने खुद को व्यापार मंडल द्वारा मनोनीत करवा लिया।

नाराज़ रणजीत सिंह रजिस्ट्रार की अदालत में गए और पांच साल के बाद अब निर्णय में रणजीत सिंह के दावे को मान्य कर लिया गया।

भारतीय सहकारी से बात करते हुए रणजीत सिंह ने कहा कि विशाल ने मुझसे 2007 में संपर्क किया था जब मैंने उसके नामांकन को चुनौती दी थी। चूंकि वह मेरा भतीजा है इसलिए मैंने दया करके मामले को वापस लेने के लिए कागजात पर हस्ताक्षर कर दिए थे।

लेकिन शायद सत्ते के नशे में उसने अदालत में इन कागजात को प्रस्तुत करने की जहमत नहीं उठाई।

रंजीत ने यह भी कहा कि केवल वह और उनके पिता तपेश्वर सिंह उदवंत व्यापार मंडल के निर्वाचित सदस्यों में से थे। अजीत सिंह को तपेश्वर बाबू ने नामित किया था। केवल एक नामांकन नियम के अनुसार वैध है। जिस तरह अजीत सिंह ने विशाल को नामांकित किया  उस तरह कोई भी नामांकित व्यक्ति किसी और को मनोनीत नही कर सकता है, उन्होंने कहा।

इस तरह मामले में मेरा पक्ष मजबूत था और जीत जरूरी था, रंजीत ने कहा। हांलांकि विशाल के चाचा बहुत कुछ को अनदेखा भी कर सकते है लेकिन विशाल के विरोधी हर संभव अवसर पर   इस मुद्दे को उठाने की कोशिश करेंगे।

 

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