किसी ने कभी भी अमूल लड़की को रोते हुए नही देखा है। वह हमेशा हुल्लड़ मचाने के लिए उत्सुक रहती है। लेकिन वह अपने पिता वर्गीज कुरियन के निधन की खबर पर रो रही है।
उसने हमारे लिए वर्ष 1964 से दूध को संभाले रखा है और उसने सभी मौसम देखे है। उसने दूध की कमी और बहुतायत को देखा है। उसे कभी कभी दु:खी महसूस किया है, लेकिन वह कभी रोई नही।
वह रो रही है और उसके आँसू रुकने का नाम ही नही ले रहे है। इन वर्षों में उसने चारों ओर खेल-कूद की है, इस विश्वास के साथ कि उसके पिता आनंद में आराम कर रहे है। यह सच है उसके पिता ने काफी समय पहले से ही अमूल के मामलों मे सक्रिय भागीदारी बंद कर दी थी। लेकिन वह एक कुलपति है और कुलपति अपनी उपस्थिति मात्र से ही विश्वास भर देता है।
शुरुआत में उसने कुरियन को शक्तिशाली निहित स्वार्थों से लड़ते देखा था। उसने देखा कि किस तरह से उसने अपने तरीके से एक दूधिया रास्ता बनाया। वह हमेशा कुरियन के साथ बने रही।
अब वह अकेले रह गई है। दूसरे लोग अब उसके पास आ रहे है और उसको अपनी मौजूदगी के बारे में बता रहे हैं। लेकिन वह दिल ही दिल में जानती है कि कोई भी उसके पिता वर्गीज कुरियन की तरह नही हो सकता है। दूसरे उसके पिता के अनुयायी हो सकते है लेकिन वैसे कभी नही हो सकते जैसे उसके पिता थे।
वह कहती हैं, कि “आपने हमें जो हौंसला, प्रगति, और आनंद दिया उसके लिए धन्यवाद।



