
जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने जनजातीय कला, संस्कृति और आजीविका को डिजिटल माध्यम से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए ‘आदि संस्कृति’ डिजिटल प्लेटफॉर्म का बीटा संस्करण लॉन्च किया है। यह प्लेटफॉर्म सहकारी संस्थाओं की भूमिका को सुदृढ़ करते हुए ट्राइबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ट्राइफेड) के साथ एकीकृत किया गया है।
लोकसभा में एक लिखित उत्तर में जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री दुर्गादास उइके ने जानकारी दी कि ‘आदि संस्कृति’ प्लेटफॉर्म का बीटा संस्करण 10 सितंबर 2025 को लॉन्च किया गया।
इस पहल का एक प्रमुख सहकारी घटक ‘आदि हाट’ ऑनलाइन मार्केटप्लेस है, जिसे ट्राइफेड के ऑनलाइन विपणन प्लेटफॉर्म के साथ जोड़ा गया है। इसके माध्यम से सहकारी संस्थाओं और स्वयं सहायता समूहों से जुड़े जनजातीय कारीगरों द्वारा निर्मित उत्पादों के लिए प्रत्यक्ष, पारदर्शी और निष्पक्ष बाजार संपर्क सुनिश्चित किया जा रहा है।
राष्ट्रीय स्तर की जनजातीय सहकारी संस्था के रूप में ट्राइफेड बाजार विकासकर्ता और सेवा प्रदाता की भूमिका निभाता है। ‘आदि संस्कृति’ प्लेटफॉर्म के माध्यम से ट्राइफेड फेयर ट्रेड प्रथाओं, ब्रांड विकास और सतत विपणन अवसरों को बढ़ावा देगा, जिससे जनजातीय उत्पादों को बेहतर मूल्य प्राप्त होगा और बिचौलियों पर निर्भरता कम होगी।
विपणन के साथ-साथ, ‘आदि संस्कृति’ एक डिजिटल ज्ञान भंडार और शिक्षण मंच के रूप में भी कार्य करता है। इसके प्रथम चरण में ‘आदि विश्वविद्यालय’ अनुभाग के अंतर्गत 45 इमर्सिव पाठ्यक्रम उपलब्ध कराए गए हैं, जबकि ‘आदि संपदा’ के तहत लगभग 3,000 क्यूरेटेड दस्तावेज़ संकलित किए गए हैं, जो भारत की समृद्ध जनजातीय सामाजिक-सांस्कृतिक विरासत का दस्तावेजीकरण करते हैं।
इन संसाधनों का विकास जनजातीय अनुसंधान संस्थानों, विषय विशेषज्ञों और राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त जनजातीय मास्टर कारीगरों की सहभागिता से किया गया है, जिससे सामग्री की प्रामाणिकता और समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित होती है।
इस प्लेटफॉर्म का उद्देश्य जनजातीय कला रूपों का डिजिटल मानचित्रण और अभिलेखीकरण, कौशल हस्तांतरण के लिए एक आधुनिक डिजिटल अकादमी का विकास तथा सहकारी आधारित आजीविका सृजन को प्रोत्साहित करना है।
दूसरे चरण में ‘आदि संस्कृति’ को ‘ट्राइबलएक्स (TribalEx)’ के रूप में पुनः नामित किया जाना प्रस्तावित है, जो जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा विकसित एक विस्तारित ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म होगा। इस परियोजना के लिए कुल 2.46 करोड़ रुपये की स्वीकृत राशि है, जिसमें से अब तक 65.83 लाख रुपये से अधिक की राशि का उपयोग किया जा चुका है।



