
जमीनी स्तर पर कृषि को सशक्त बनाने और नीति-निर्माताओं व किसानों के बीच सीधा संवाद स्थापित करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को दौलतपुर गांव में “खेती की बात, खेत पर” कार्यक्रम का सफल आयोजन किया।
इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, एनसीयूआई-इफको के अध्यक्ष दिलीप संघानी, राज्य के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, वरिष्ठ अधिकारी तथा बड़ी संख्या में प्रगतिशील किसान उपस्थित रहे।
किसानों और कृषि से जुड़े हितधारकों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिट्टी के स्वास्थ्य और कृषि की स्थिरता के बीच गहरे संबंध पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि स्वस्थ मिट्टी ही खाद्य सुरक्षा, उत्पादन वृद्धि और ग्रामीण आजीविका की मजबूती की आधारशिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को समय पर गुणवत्तापूर्ण बीज, उर्वरक, सिंचाई सुविधाएं और वैज्ञानिक मार्गदर्शन मिलना चाहिए, जिससे उत्पादन बढ़े और लागत घटे। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह दृष्टिकोण प्राकृतिक खेती और टिकाऊ कृषि के राष्ट्रीय विज़न के अनुरूप है।
सभागार की बजाय खेत में आयोजित इस संवादात्मक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य की कृषि उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की कृषि विकास दर 2017 से पहले के 8.6 प्रतिशत से बढ़कर अब 17.7 प्रतिशत तक पहुंच गई है। यह वृद्धि राज्य सरकार की किसान-केंद्रित नीतियों और कृषि आधुनिकीकरण के प्रयासों का परिणाम है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रगतिशील किसान सम्मेलन के अंतर्गत किसान पाठशाला 8.0 का भी उद्घाटन किया। इस पहल के माध्यम से किसानों को बहु-फसली खेती, प्राकृतिक खेती, मृदा परीक्षण, ड्रोन तकनीक और आधुनिक कृषि नवाचारों के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ये तकनीकें जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने और किसानों की आय बढ़ाने में सहायक होंगी।
एनसीयूआई और इफको के अध्यक्ष दिलीप संघानी ने सहकारिता क्षेत्र की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इफको जैसी सहकारी संस्थाएं किसानों को समय पर गुणवत्तापूर्ण इनपुट उपलब्ध कराने और ग्रामीण आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने इसे सरकार और सहकारी संस्थाओं के बीच बढ़ते सहयोग का प्रतीक बताया।
इस अवसर पर पद्म पुरस्कार से सम्मानित प्रगतिशील किसान राम सरन वर्मा सहित अन्य सफल किसानों को सम्मानित किया गया, जिससे नवाचार और उत्कृष्टता को प्रोत्साहन मिला।
कार्यक्रम के दौरान एमएसपी खरीद केंद्रों के विस्तार, सीधे एमएसपी भुगतान और किसानों के उत्पादों के लिए बेहतर बाजार संपर्क जैसे कृषि सुधारों पर भी चर्चा की गई, जिनसे राज्य के किसानों को व्यापक लाभ मिला है।
कार्यक्रम के समापन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विज्ञान-आधारित, मूल्य-संवर्धित और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश तेजी से देश के अग्रणी कृषि राज्यों में शामिल हो रहा है।



