
केंद्रीय गृहमंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में लिखित उत्तर में बताया कि राष्ट्रीय सहकारी प्रशिक्षण परिषद (एनसीसीटी) ने देश में सहकारी शिक्षा, क्षमता निर्माण और जमीनी स्तर पर प्रशिक्षण को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
शाह ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय के निर्देश पर एनसीसीटी ने कक्षाओं 6 से 10 तक के लिए नई शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुरूप, आयु-उपयुक्त एवं ग्रेड-विशिष्ट सहकारिता विषयक मॉड्यूल तैयार करने हेतु एक विशेष समिति गठित की है।
उन्होंने बताया कि एनसीईआरटी ने एनसीसीटी के निरंतर प्रयासों और मंत्रालय के मार्गदर्शन के बाद कक्षा 6 की पाठ्यपुस्तक में सहकारिता पर एक अध्याय शामिल कर लिया है, जिससे बच्चों में सहकारी आंदोलन की प्रारंभिक समझ विकसित हो सके। इसके अलावा, एनसीसीटी ने एनसीईआरटी के परामर्श से माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों के लिए एक विशेष सहकार मॉड्यूल भी तैयार किया है, ताकि युवा वर्ग को सहकारिता क्षेत्र की भूमिका और करियर संभावनाओं से परिचित कराया जा सके।
मंत्री ने आगे बताया कि सरकार ने एनसीसीटी के लिए “ग्रांट-इन-एड जनरल” नाम से एक नया ऑब्जेक्ट हेड खोला है, जिससे प्रशिक्षण एवं विकास निधि (टीडीएफ) पर भार डाले बिना एनसीसीटी अपने कार्यक्रमों को सुचारू रूप से चला सके। साथ ही, प्रत्येक संस्थान में भवन उप-समिति का गठन किया गया है ताकि प्रशिक्षण अवसंरचना के विस्तार और उन्नयन को गति दी जा सके।
एनसीसीटी के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में उल्लेखनीय विस्तार हुआ है। सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के सहयोग से 25 राज्यों के 564 जिलों में सीएससी पोर्टल पर ऑनबोर्ड पैक्स के लिए 648 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें 30,210 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। मंत्रालय के निर्देशानुसार 24,500 से अधिक पैक्स के लिए नए प्रशिक्षण चरण की शुरुआत भी हो चुकी है।
इसके अलावा, देशभर में स्थापित 22,283 नई बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियों (एम-पैक्स) के लिए एनसीसीटी ने प्रशिक्षण आरंभ कर दिया है। 31 अक्टूबर 2025 तक 153 कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं, जिनमें 6,817 प्रतिभागी प्रशिक्षित हुए हैं।
शैक्षणिक क्षेत्र में, आरआईसीएम चंडीगढ़ ने “सहकारिता अनुसंधान” नामक द्विवार्षिक, समीक्षाधीन जर्नल की शुरुआत की है। पहला अंक अप्रैल 2025 में जारी हुआ था, जबकि दूसरा दिसंबर में प्रकाशित होगा। साथ ही, एआईसीटीई द्वारा अनुमोदित पीजीडीएम–एबीएम कार्यक्रम को भी पुनः प्रारंभ किया जा रहा है, जिसके लिए दिसंबर 2025 में प्रवेश शुरू होंगे।
शाह ने बताया कि पीएमबीआई और एनसीसीटी मिलकर 300 नए प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केन्द्रों (पीएमबीजेक) के संचालन हेतु पैक्स को प्रशिक्षित कर रहे हैं।



