आरबीआई ने कर्नाटक स्थित श्री मल्लिकार्जुन पट्टाना सहकारी बैंक पर दिशा-निर्देश जारी किये हैं, इसके तहत बैंक आरबीआई की पूर्वानुमति के बिना, किसी भी ऋण और अग्रिम को प्रदान या नवीनीकृत नहीं करेगा।
बैंक की वर्तमान चलनिधि (लिक्विडिटी) स्थिति को ध्यान में रखते हुए, सभी बचत बैंक या चालू खातों या किसी जमाकर्ता के किसी अन्य खाते में कुल शेष राशि से कोई राशि आहरित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, लेकिन आरबीआई के उपर्युक्त निदेशों में वर्णित शर्तों के अधीन जमा राशियों के बदले ऋण निर्धारित (सेट ऑफ) करने की अनुमति दी जाती है । तथापि, 99.53 प्रतिशत जमाकर्ता पूरी तरह से डीआईसीजीसी बीमा योजना द्वारा कवर किए गए हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपर्युक्त निदेश जारी किए जाने का यह अर्थ न लगाया जाए कि रिज़र्व बैंक ने बैंकिंग का लायसेंस रद्द कर दिया है । बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक निदेशों में उल्लिखित प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा । भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है।
ये निर्देश 18 जुलाई, 2022 को कारोबार की समाप्ति से छह महीने की अवधि के लिए लागू रहेंगे और समीक्षा के अधीन हैं।