ताजा खबरें

तेलंगाना: बैंकिंग कानून संशोधनों पर मराठे ने की चर्चा

भारतीय रिज़र्व बैंक के सेंट्रल बोर्ड के निदेशक एवं सहकार भारती के संस्थापक सदस्य सतीश के. मराठे ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को तेलंगाना राज्य सहकारी शहरी बैंक महासंघ का दौरा किया और महासंघ के ‘हॉल ऑफ एक्सीलेंस’ में तेलंगाना के शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के अध्यक्षों एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ संवाद किया।

सभा को संबोधित करते हुए मराठे ने प्रतिभागियों की चिंताओं को स्वीकार किया और आश्वस्त किया कि बैंकिंग विनियमन अधिनियम तथा बैंकिंग विनियमन (सहकारी समितियां) नियम, 2025 में किए गए संशोधनों का उद्देश्य शहरी सहकारी बैंकिंग क्षेत्र में पेशेवरिता, पारदर्शिता, बेहतर कॉर्पोरेट गवर्नेंस, उत्तराधिकार योजना और रोजगार सृजन को बढ़ावा देना है। उन्होंने यूसीबी को सलाह दी कि वे पहले आवश्यक उपनियम संशोधन करें, जिसके बाद नियामकीय परिवर्तनों के प्रभाव का संरचित रूप से मूल्यांकन किया जाएगा।

मराठे ने अपने “शहरी सहकारी बैंकों के लिए विज़न दस्तावेज़ 2025–2030” पर भी विस्तार से प्रकाश डाला, जिसमें यूसीबी को आधुनिक, सुदृढ़ और समुदाय-केंद्रित संस्थानों में रूपांतरित करने का रोडमैप प्रस्तुत किया गया है। इस विज़न दस्तावेज़ में व्यवसाय विस्तार एवं विविधीकरण, डिजिटल परिवर्तन, वित्तीय सुदृढ़ता एवं सुशासन, पूंजी एवं वित्तीय लचीलापन सुदृढ़ करना, प्रौद्योगिकी अपनाने व उन्नयन हेतु कोष निर्माण, सदस्य एवं ग्राहक सहभागिता, मानव संसाधन विकास तथा सामाजिक एवं पर्यावरणीय उत्तरदायित्व जैसे प्रमुख पहलुओं पर जोर दिया गया है।

उन्होंने इस बात पर बल दिया कि प्रत्येक यूसीबी को तीन से पाँच वर्षों की अवधि के लिए अपना स्वयं का विज़न दस्तावेज़ तैयार करना चाहिए तथा धीरे-धीरे सुरक्षा-आधारित ऋण वितरण से हटकर उद्देश्य-आधारित ऋण व्यवस्था की ओर बढ़ना चाहिए।

परिवर्तित नियामकीय परिदृश्य में मराठे की उपस्थिति से प्रतिभागियों में विशेष उत्साह देखने को मिला।

प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए महासंघ के अध्यक्ष वेमिरेड्डी नरसिंहा रेड्डी ने मराठे को भारतीय रिज़र्व बैंक के सेंट्रल बोर्ड के सदस्य के साथ-साथ नाबार्ड बोर्ड के निदेशक के रूप में नियुक्ति पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि इससे प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) तथा नाबार्ड द्वारा विनियमित अन्य सहकारी संस्थाओं को भी महत्वपूर्ण लाभ होगा।

साथ ही, उन्होंने हाल ही में किए गए बैंकिंग विनियमन अधिनियम और बैंकिंग विनियमन (सहकारी समितियां) संशोधन नियम, 2025 के शहरी सहकारी बैंकों पर पड़ने वाले प्रभाव को स्पष्ट करने का अनुरोध किया।

महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष जी. मदन गोपाल स्वामी ने नियामकीय संशोधनों के अनुरूप यूसीबी की रणनीति पर मार्गदर्शन मांगा, जबकि उपाध्यक्ष प्रमोद कुमार केडिया ने देशभर में विभिन्न न्यायालयों में लंबित कानूनी मामलों और उनके शहरी सहकारी बैंकों के भविष्य पर संभावित प्रभाव को लेकर चिंता व्यक्त की।

इस अवसर पर ए.पी. महेश अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के पूर्व अध्यक्ष रमेश कुमार बंग को हाल ही में संपन्न ए.पी. महेश यूसीबी चुनावों में अपनी टीम को विजय दिलाने के लिए सम्मानित किया गया।

बैठक का समापन तेलंगाना राज्य सहकारी शहरी बैंक महासंघ लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कृष्णा मूर्ति द्वारा प्रस्तुत धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

Tags
Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close