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मेहसाणा अर्बन कोऑपरेटिव बैंक पर 25 लाख रुपये का जुर्माना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि मेहसाणा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले – यूसीबी’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए 25 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।

यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों तथा उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर बैंक के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों और इसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:

बैंक ने कतिपय उधारकर्ताओं की ऋण सुविधाओं को अनर्जक आस्तियों (एनपीए) के रूप में वर्गीकृत नहीं किया।

यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा, आरबीआई की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार।

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