
सहकारिता मंत्रालय ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी दी कि “सहकार से समृद्धि” की भावना को आगे बढ़ाते हुए देशभर की डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियाँ अब जिला केंद्रीय सहकारी बैंक और राज्य सहकारी बैंक की ‘बैंक मित्र’ के रूप में कार्य करेंगी। इसका उद्देश्य ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में वित्तीय सेवाओं को अधिक सुलभ और पारदर्शी बनाना है।
मंत्रालय ने बताया कि नाबार्ड के सहयोग से यह एक परिवर्तनकारी पहल शुरू की गई है, जिसके तहत सहकारी समितियों को सहकारी बैंकों से जोड़ा जा रहा है, ताकि नागरिकों तक औपचारिक वित्तीय सेवाएँ सीधे उनके दरवाजे तक पहुँचाई जा सकें।
मंत्रालय ने अपने पोस्ट में कहा, “बैंक मित्र के रूप में सहकारी समितियाँ ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में सुलभ, समावेशी और पारदर्शी बैंकिंग सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएँगी।”
सहकारिता मंत्रालय ने यह भी बताया कि अब तक गुजरात में 12,580 माइक्रो-एटीएम बैंक मित्र सहकारी समितियों को वितरित किए जा चुके हैं। मंत्रालय ने इसे वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और सहकारी बैंकिंग तंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।



