
सहकारिता मंत्रालय ने नाबार्ड और बिहार के सहकारिता विभाग के सहयोग से पटना में एक क्षेत्रीय कार्यशाला आयोजित की, जिसमें प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) को बहुउद्देश्यीय बनाना, कंप्यूटरीकरण की प्रक्रिया में तेजी लाना और दुनिया की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना का विस्तार करने पर चर्चा हुई।
कार्यशाला में बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा से प्रतिनिधि शामिल हुए। सहकारिता मंत्रालय के सचिव आशीष कुमार भूटानी ने राज्यों से पैक्स की सदस्यता बढ़ाने, विशेषकर महिलाओं, भूमिहीन किसानों और बटाईदारों को जोड़ने के साथ-साथ निष्क्रिय समितियों को पुनर्जीवित करने का आह्वान किया।
नाबार्ड के अध्यक्ष के. बी. शाजी ने गोदाम निर्माण, विविधीकरण और कंप्यूटरीकरण में हुई प्रगति की सराहना करते हुए निरंतर सहयोग का आश्वासन दिया। बिहार के रजिस्ट्रार अंशुल अग्रवाल ने 7,167 गोदामों की जानकारी दी, जिनकी क्षमता 16.67 लाख मीट्रिक टन है। उन्होंने कंप्यूटरीकरण की तेज रफ्तार और माइक्रो एटीएम व नई शाखाओं के माध्यम से बैंकिंग पहुंच बढ़ाने की योजनाओं पर भी प्रकाश डाला।
राज्य अधिकारियों ने अपनी उपलब्धियां और चुनौतियां साझा कीं। संयुक्त सचिव सिद्धार्थ नाथ जैन ने सामूहिक समस्या-समाधान पर जोर दिया। कार्यशाला का समापन मंत्रालय और नाबार्ड द्वारा सभी लक्ष्यों की प्राप्ति और चारों राज्यों में सहकारी नेटवर्क को मजबूत करने के संकल्प के साथ हुआ।