
नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से अनुरोध किया गया है कि वे अपनी-अपनी राज्य सहकारिता नीतियों को राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप तैयार करें या उन्हें पुनः संरचित करें।
इस साझेदारीपूर्ण रणनीति का उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकारों के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करना है, ताकि देशभर में सहकारी आंदोलन का समन्वित और समान विकास सुनिश्चित किया जा सके।
नीति के तहत राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सुझाव दिया गया है कि वे अपने सहकारी समितियों से संबंधित अधिनियमों और नियमों में संशोधन करें, जिससे सहकारी संस्थाओं को अधिक स्वायत्तता, पारदर्शिता और कारोबार में सुगमता प्राप्त हो सके।