
सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक ने बताया कि मुख्यमंत्री अवधिपार ब्याज राहत एकमुश्त समझौता योजना 2025-26 को किसानों और लघु उद्यमियों से जबरदस्त सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है।
राज्य सरकार द्वारा भूमि विकास बैंकों के अवधिपार ऋणियों के लिए लागू की गई इस योजना से हजारों किसानों को राहत मिली है, और वे पुनः आर्थिक मुख्यधारा में लौट रहे हैं।
मंत्री दक ने बताया कि योजना के तहत अब तक 3,410 ऋणी सदस्यों ने 33 करोड़ रुपये का मूलधन जमा कराया है, जिसके एवज में राज्य सरकार ने 44 करोड़ रुपये की ब्याज राहत प्रदान की है। उन्होंने बताया कि योजना में प्रावधान है कि पात्र ऋणी केवल मूलधन का भुगतान करें, शेष ब्याज राज्य सरकार माफ करेगी।
प्रदेश के 36 प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों में कुल 30,010 ऋणी सदस्य इस योजना के तहत राहत पाने के पात्र हैं। यदि ये सभी पात्र सदस्य 326 करोड़ रुपये का मूलधन जमा कराते हैं, तो उन्हें 534 करोड़ रुपये की ब्याज राहत दी जाएगी।
कार्यक्रम के दौरान दक ने जानकारी दी कि योजना के अंतर्गत प्रदेश के सबसे बड़े अवधिपार ऋण खाते का निस्तारण हाल ही में हुआ है। अलवर जिले की लक्ष्मणगढ़ शाखा के ऋणी बलजीत मेव (निवासी: ग्राम टिटपुरी, तहसील कठूमर) ने 18.61 लाख रुपये का मूलधन जमा कराया, जिसके एवज में उन्हें 37.23 लाख रुपये की ब्याज राहत दी गई। इस प्रकार, कुल 55.84 लाख रुपये के अवधिपार खाते का सफल निस्तारण किया गया।
पूर्व में भूमि की नीलामी नहीं होने के कारण, राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम 2001 की धारा 103 के तहत ऋणी की भूमि बैंक के पक्ष में चली गई थी। अब खाते के निस्तारण के बाद भूमि पुनः बलजीत के स्वामित्व में लौट आई है, जिससे उनका परिवार आर्थिक रूप से सुरक्षित हो गया है।
बलजीत मेव और उनके परिवार ने इस राहत के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह योजना उनके जीवन में नया उजाला लेकर आई है। भारी कर्ज और जमीन जाने की आशंका के बीच वे निराश थे, लेकिन अब उन्हें सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अवसर मिला है।