
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने हाल ही में महाराष्ट्र के नागपुर स्थित शिक्षक सहकारी बैंक के मुख्यालय का दौरा किया और बैंक की अभूतपूर्व प्रगति तथा शानदार प्रदर्शन की सराहना की।
यह अवसर एक नई पुस्तक के विमोचन के लिए निर्धारित था, किंतु यह कार्यक्रम सहकारी बैंकिंग की उत्कृष्टता का उत्सव बन गया।
इस मौके पर डॉ. भागवत का पारंपरिक शाल और पुष्पगुच्छ के साथ गर्मजोशी से स्वागत किया गया। स्वागत करने वालों में पूर्व उपाध्यक्ष व वरिष्ठ निदेशक अनिल मुले, निदेशक विवेक जुगाड़े, अधिवक्ता विनायक राजकर्णे, निदेशक रंजीव श्रीरामवार और सीईओ अल्पेशकुमार जोशी प्रमुख रूप से शामिल थे।
महाराष्ट्र प्रदेश भाजपा के महासचिव विवेक जुगाड़े ने डॉ. भागवत को राज्य के शहरी सहकारी बैंकों की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया और उनकी मजबूती व बढ़ती भूमिका पर प्रकाश डाला।
उन्होंने भारतीय रिज़र्व बैंक के हालिया आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि महाराष्ट्र के सहकारी बैंक पूरे देश में अग्रणी प्रदर्शन कर रहे हैं, जो सुदृढ़ प्रबंधन और ग्राहकों के विश्वास का प्रमाण है।
शिक्षक सहकारी बैंक ने इस वर्ष कई नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। बैंक का कुल व्यवसाय 1,950 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है, जबकि सकल लाभ बढ़कर 18.5 करोड़ रुपये तक पहुँच गया है।
विशेष रूप से, बैंक ने 9.15 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया है और अपने इतिहास में पहली बार शुद्ध एनपीए (गैर-निष्पादित संपत्ति) शून्य प्रतिशत हासिल की है। बैंक की सदस्य संख्या 1.25 लाख से अधिक हो चुकी है और यह लाखों ग्राहकों को त्वरित व विश्वसनीय सेवाएँ प्रदान कर रहा है।
एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में, 25 वर्षों के लंबे इंतज़ार के बाद इस वर्ष पहली बार बैंक अपने सदस्यों को लाभांश (डिविडेंड) वितरित करेगा। यह बैंक की वित्तीय सुदृढ़ता और सहकारी मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
विवेक जुगाड़े ने इस सफलता का श्रेय बैंक के नेतृत्व को दिया, जिसमें अध्यक्ष अनिल सोले, उपाध्यक्ष एवं विधायक प्रवीण दटके और संपूर्ण संचालक मंडल शामिल हैं।
बैंक की उपलब्धियों से प्रभावित होकर डॉ. भागवत ने पूरे बोर्ड और स्टाफ को बधाई दी। उन्होंने विनम्रतापूर्वक कहा, “आप मुझे सम्मानित कर रहे हैं, जबकि वास्तव में मुझे आप सभी को सम्मानित करना चाहिए,” और बैंक के निरंतर विकास के लिए शुभकामनाएं व आशीर्वाद भी दिए।
इस कार्यक्रम में संघ के वरिष्ठ नेता रविंद्र बोकड़े, संजय शिरपूरकर, रामचंद्र देवतारे, अशोक मेंढे सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे और उन्होंने इस प्रेरणादायक सहकारी सफलता के पल को साझा किया।