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अवस्थी की शाह से मुलाकात; इफको की गतिविधियों के बारे में दी जानकारी

भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (इफको) के प्रबंध निदेशक डॉ. यू.एस. अवस्थी ने पिछले सप्ताह नई दिल्ली में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की। इस बैठक में भारत की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और ग्रामीण समृद्धि को बढ़ावा देने में सहकारी संस्थाओं की बढ़ती भूमिका पर चर्चा हुई।

डॉ. अवस्थी ने वित्त वर्ष 2024-25 में इफको के प्रदर्शन की संपूर्ण जानकारी मंत्री को दी। उन्होंने बताया कि इफको की उपलब्धियाँ “सहकार से समृद्धि” के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं।

उन्होंने मंत्री के सतत समर्थन और मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया, जिसने कृषि क्षेत्र में इफको की निरंतर सफलता और नवाचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

बैठक में एक प्रमुख चर्चा इफको की गुजरात स्थित कालोल इकाई में स्थापित बीज अनुसंधान और विकास सुविधा की प्रगति पर केंद्रित रही। डॉ. अवस्थी ने मंत्री को इस महत्वपूर्ण पहल की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया। अमित शाह लंबे समय से बीज प्रमाणन के महत्व को मान्यता देते रहे हैं, क्योंकि यह भारतीय कृषि में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।

इफको की अनुसंधान सुविधा इस मिशन में सीड टेक्नोलॉजी को उन्नत कर किसानों को भरोसेमंद एवं उच्च उपज देने वाली बीज किस्में उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।

बैठक में राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के सहयोग से स्थापित भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (बीबीएसएसएल) पर भी चर्चा हुई। यह एक सहकारी पहल है, जो बीज विकास पर केंद्रित है और देश के 34 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की 20,000 से अधिक सहकारी समितियों की भागीदारी से विकसित हो रही है।

बीबीएसएसएल, सरकारी विश्वविद्यालयों, कृषि वैज्ञानिकों और अनुसंधान प्रयोगशालाओं के साथ मिलकर बीज उत्पादन में नवाचार को बढ़ावा दे रही है।

डॉ. अवस्थी ने कहा कि भारत की मजबूत सहकारी संरचना का उपयोग गांवों और छोटे कस्बों में बीमा योजनाओं की जागरूकता बढ़ाने और उनकी पहुंच को विस्तार देने के लिए किया जा सकता है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में जीविकोपार्जन सुरक्षित हो और आर्थिक स्थिरता बनी रहे।

इफको की बीमा शाखा इफको-टोकियो ने किसानों के लिए कई अनुकूल बीमा योजनाएं शुरू की हैं, जो पारंपरिक बीमा प्रदाताओं द्वारा अक्सर उपेक्षित किसानों की आवश्यकताओं को पूरा करती हैं। ये प्रयास किसानों को सार्थक सुरक्षा प्रदान कर, एक अधिक सुदृढ़ ग्रामीण अर्थव्यवस्था के निर्माण में सहायक सिद्ध हो रहे हैं।

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