
शनिवार को पुणे में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार सहकारी बैंकिंग क्षेत्र को मजबूत करने के लिए ‘कोऑपरेटिव बैंक ऑफ इंडिया’ स्थापित करने की योजना बना रही है।
यह बैंक शहरी सहकारी बैंक, राज्य सहकारी बैंक और जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के लिए क्लियरिंग हाउस के रूप में कार्य करेगा। इस पहल को नेशनल अर्बन कोऑपरेटिव फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनयूसीएफडीसी) के माध्यम से लागू किया जाएगा, जिसे अगले दो वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य है।
अमित शाह ने बताया कि हाल ही में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में यह घोषणा की गई कि एनयूसीएफडीसी के लिए 300 करोड़ रुपये की शेयर पूंजी का लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है।
यह पूंजी निवेश सहकारी बैंकों को वित्तीय सहायता, तकनीकी उन्नयन और बुनियादी ढांचे के विकास में मदद करेगा, जिससे उनकी स्थिरता और प्रभावी संचालन सुनिश्चित हो सकेगा।
इस पहल के तहत, देशभर के सहकारी बैंकों को तकनीकी सहायता, कोर बैंकिंग सॉल्यूशन (सीबीएस) को अपनाने और वित्तीय मदद मिलेगी, जिससे उनकी सेवाओं में सुधार होगा।
यह कदम वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने, परिचालन क्षमता मजबूत करने और आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को स्थिरता प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास साबित होगा।