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पैक्स से अपेक्स तक मार्केटिंग ढांचा मजबूत करे नेफेड: शाह

केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि नेफेड को पैक्स से अपेक्स तक मजबूत मार्केटिंग नेटवर्क बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पैक्स से अपेक्स तक मज़बूत मार्केटिंग की व्यवस्था के लिए राज्य, ज़िला और तहसील से लेकर पैक्स तक को मार्केटिंग के काम से जोड़ना होगा और इसीलिए भारत सरकार पैक्स को बहुद्देश्यीय और मज़बूत बनाने के लिए मॉडल एक्ट ला रही है।

शाह ने सोमवार को भोपाल में ‘कृषि विपणन में सहकारी संस्थाओं की भूमिका’ पर राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा।

“मैं आपसे यह नहीं कह रहा कि आप सरकार की ओर से खाद्यान्न की खरीद न करें लेकिन किसानों को अधिक फायदा पहुंचाने के लिए, नेफेड को केवल सरकारी खरीद पर निर्भर नहीं रहना चाहिए”, उन्होंने कहा। नेेफेड अनाज की बाजार कीमतों को स्थिर करने में मदद करें।

उन्होंने आगे कहा कि, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेफेड को वित्तीय संकट से उबारने में काफी मदद की है और हम चाहते हैं कि ​कृषि विपणन संस्था नेफेड बहुआयामी हो।”

इस मौके पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विशिष्ट अतिथि थे। एनसीयूआई के अध्यक्ष दिलीप संघानी, नेफेड के अध्यक्ष बिजेंद्र सिंह, कृभको के अध्यक्ष डॉ चंद्र पाल सिंह यादव सहित अन्य दिग्गज सहकारी नेताओं ने सम्मेलन में शिरकत की।

अपने भाषण को जारी रखते हुए शाह ने कहा कि मोदी सरकार प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) को बहुउद्देशीय बनाएगी।

इस मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि सहकारिता की भावना भारत की संस्कृति में बसती है। मप्र में 4500 से अधिक पैक्स को कॉमन फैसिलिटी सेंटर के रूप में विकसित किया गया है।

शाह ने कहा कि भारत में कृषि उत्पादों में हम दलहन और तिलहन छोड़कर लगभग आत्मनिर्भर हो चुके हैं। पिछले 8 सालों में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कई काम भी हुए हैं।

“देश में खाद्यान्न का उत्पादन 314 मिलियन मीट्रिक टन तक पहुंचा है। सहकारिता मंत्रालय की स्थापना से पहले ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कृषि उत्पादों की मार्केटिंग में अत्याधुनिक व्यवस्था लागू करने के लिए कई उपाय किए। राष्ट्रीय कृषि बाज़ार यानी ई-नाम इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण है। आज 18 राज्यों और 3 केन्द्रशासित प्रदेशों की 1000 मंडियां ई-नाम के साथ जुड़ चुकी हैं और ई-नाम पोर्टल पर 1.73 करोड़ से अधिक किसान और लगभग ढाई लाख व्यापारी अपना पंजीकरण करा चुके हैं”, शाह ने कहा।

“20 प्रदेशों के 2100 से ज़्यादा एफ़पीओ को ई-नाम पोर्टल से जोड़ा जा चुका है। इन सबके कारण मार्केटिंग में पारदर्शिता भी आई है और किसानों को उचित दाम भी मिलने की शुरूआत हुई है। ई-नाम प्लेटफार्म पर अब तक 2 लाख करोड़ रूपए से ज़्यादा का व्यापार हो चुका है।”, मंत्री को सूचित किया।

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