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पांच साल में सहकारिता क्षेत्र का होगा कायाकल्प: शाह

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अपनी गुजरात यात्रा के दूसरे दिन पंचामृत डेयरी, गोधरा में अनेक विकास कार्यों का शुभारंभ और लोकार्पण किया।

शाह ने पीडीसी बैंक के प्रधान कार्यालय की नई बिल्डिंग का उद्घाटन, 3 मोबाइल ATM वैन का शुभारंभ, 250 वर्गमीटर में बने 30 क्यूबिक मीटर प्रति घंटे की क्षमता वाले ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन, पंचामृत बटर कोल्ड स्टोरेज एवं मालेगांव (महाराष्ट्र) स्थित डेयरी प्लांट का लोकार्पण और उज्जैन (मध्य प्रदेश) में नए स्थापित होने वाले डेयरी प्लांट का शिलान्यास किया।

अपने संबोधन में शाह ने कहा, “मैं आज देश के सहकारिता मंत्री के तौर पर कहना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की है और पांच साल के अंदर सहकारी क्षेत्र मे बहुत बड़ी क्रांति श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आने वाली है। अनेक नये क्षेत्रों को जोडने की बात हो रही है, उनका डेटाबेस बना रहे हैं, उसके लिये ट्रेनिंग की व्यवस्था कर रहे हैं। पैक्स की संख्या तीन गुना करने के लिये हम कानूनी सुधार के बारे में भी सोच रहे हैं”, उन्होंने कह।

इस कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और केन्द्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज के पांचों कार्यक्रम तीन ज़िलों (पंचमहल, मालेगांव और उज्जैन) के सहकारी आंदोलन को मजबूत करने वाले हैं। आज पंचमहल, महिसागर और दाहोद जिले के 1598 दूध मंडियां लगभग 73 हजार लीटर दूध उत्पादन का मजबूत संघ बनकर हमारे सामने खडे हैं। 18 लाख लीटर दूध और 300 करोड रूपए का टर्नओवर एक बहुत बडी सफलता है।

उन्होंने कहा कि सालों से सहकारी आंदोलन के साथ जुडे हुए देशभर के लोगों की मांग थी कि समय के साथ-साथ सहकारी आंदोलन को जितनी मदद की जरूरत थी वो मिले और इसके लिए सहकार से जुड़े लोग पिछली सरकारों से मांग करते रहे लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। आज मुझे ये कहते हुए गर्व होता है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने एक साल पहले पहली बार सहकारी आंदोलन के लिये केन्द्र में सहकारिता मंत्रालय बनाकर इसे प्राथमिकता देने का काम किया, शाह ने जोड़ा

केन्द्रीय मंत्री शाह ने कहा कि मोदी जी ने प्राकृतिक खेती को बढावा दिया और गौमाता के रक्षण और संवर्धन के लिये बहुत काम किया है। प्राकृतिक खेती से न सिर्फ़ ऑर्गेनिक प्रोडक्ट के भाव ज्यादा मिलेंगे, उत्पादन भी बढ़ेगा।

उन्होंने बताया कि हाल ही में अमूल ने प्राकृतिक खेती से उपजा ऑर्गेनिक गेंहू का आटा बाजार में उतारा है, इसके बाद सब्जियां भी रखने वाले हैं। अमूल ने लक्ष्य रखा है कि एक साल के अंदर 100 से ज्यादा जिलों में जमीन और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट के लिए उसकी गुणवत्ता को सर्टिफ़ाई करने के लिये जल्द ही प्रयोगशाला बनाई जाएगी। राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत हमारी देसी गाय और ज्यादा दूध देनेवाली भेंसो का संरक्षण करने के लिए बहुत बडा निर्णय मोदी जी ने लिया है। नरेन्द्र मोदी जी ने अनेक प्रकार की पहल की हैं।

 

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