एक बड़ी जीत में NCUI के मुख्य कार्यकारी डॉ. दिनेश मंत्रालय से सुप्रीम सहकारी के लिए रुके फंड को हासिल करने में सफल हो गए हैं. उत्साहित होकर उन्होंने कहा कि रुपये 9.35 करोड़ का चेक NCUI को भेजा जा रहा है.
पाठकों को याद होगा कि व्याख्याता भर्ती घोटाले के मद्देनजर मंत्रालय ने अपनी नाराजगी व्यक्त की थी और चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति रद्द करने सहित निश्चित कार्रवाई की मांग की थी. कुछ टाल-मटोल करते हुए, अंत में NCUI ने नियुक्ति को रद्द किया जिससे शीर्ष सहकारी और मंत्रालय के बीच संबंध प्रभावित हुआ था.
NCUI ने नए विज्ञापन को अंतिम रूप दे दिया है और मंत्रालय को अनुमोदन के लिए भेजा है. मंत्रालय अभी इस मामले पर जवाब देने वाला है.
लेकिन नियुक्तियों को रद्द करने के कारण NCUI अंतहीन कानूनी लड़ाई के चक्कर मे फंस गया है. वे जो चयनित थे और अपनी नौकरी में शामिल हो गए थे, उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया है. तिथियों के बाद तिथियाँ मिल रहीं हैं क्योंकि उम्मीदवार दिल्ली उच्च न्यायालय में केस लड़ रहे हैं .