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डीपीटी नहीं रहे; इफको एमडी ने दी श्रद्धांजलि

इफको के प्रबंध निदेशक डॉ यू.एस.अवस्थी ने सहकारी आंदोलन के समर्थक देवी प्रसाद त्रिपाठी को श्रद्धांजलि दी वह 68 वर्ष के थे।

वरिष्ठ एनसीपी नेता और पूर्व सांसद, डीपी त्रिपाठी का गुरूवार को दिल्ली में सुबह 10 बजे निधन हो गया है। दरअसल, वह कैंसर से जूझ रहे थे। दिल्ली के मैक्स अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांसे ली।

सुल्तानपुरउत्तर प्रदेश में जन्मे, त्रिपाठी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष थे और बाद में उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में राजनीति के प्रोफेसर के रूप में पढ़ाया।

एक दुर्जेय बौद्धिक त्रिपाठी त्रैमासिक पत्रिका थिंक इंडिया के संपादक भी थे। वे कई भारतीय और विदेशी भाषाएं बोलते थे।

एक बहुमुखी राजनीतिज्ञ प्रतिभा के धनीत्रिपाठी राजीव गांधी के करीबी सहयोगी थे। बाद में वह एनसीपी में शामिल हो गए और शरद पवार के करीबी बन गए

इफको और इसके एमडी डॉ यू एस अवस्थी के साथ त्रिपाठी का जुड़ाव काफी पुराना था। “इफको शुक्ला अवार्ड” के जूरी सदस्य के रूप में प्रति वर्ष उन्हें सर्वश्रेष्ठ साहित्यिक व्यक्तित्व को चुनने का काम सौंपा गया था। 

अपनी संवेदनाएं पेश करते हुए इफको के एमडी डॉ यूएस अवस्थी ने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा, “श्री त्रिपाठी के निधन के बारे में सुनकर गहरा दुख हुआ त्रिपाठी एक महान लेखकविचारकएक राजनीतिक विश्लेषक और राज्य सभा के पूर्व सदस्य थे। उनके लेख किसान समर्पित होते थे। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे। मेरी हार्दिक संवेदना 

पाठकों को याद होगा कि त्रिपाठी के भतीजे जितेंद्र तिवारी इफको के अधिकारी संघ के अध्यक्ष हैं। अपने चाचा की तरह तिवारी भी अपनी सहज और पारदर्शी व्यवहार शैली के कारण काफी लोकप्रिय हैं।

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