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वैश्य कॉपरेटिव कमर्शियल बैंक: आरोपों के घेरे में

दि वैश्य कॉपरेटिव कमर्शियल बैंक के सदस्यों ने निदेशक शैलेष गुप्ता पर कई गंभीर आरोप लगाए है। सदस्यों का कहना है कि उन्होंने पूर्व अध्यक्ष कमल गुप्ता के साथ मिलकर अपने अधिकारों का दुरुयोग करके अपने ही पिताजी के 60 लाख रुपए के फिक्स डिपोज़िट में नॉमिनी में अपने भांजे के नाम की जगह धोखे से स्वयं का नाम लिखवा लिया है।

इस आरोप के लिए उनके भांजे ने उन पर धोखाधड़ी का आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज़ करवाने के साथ पुलिसिया जाँच शुरु करवा दी है, सदस्यों ने कहा। एक अन्य आरोप में श्री गुप्ता ने बैंक से कनवेंस के नाम पर करीब पौने दो लाख रुपए का गबन किया है, सदस्यों ने कहा।

बैंक के एक अन्य सदस्य ने नाम न बताने की शर्त पर भारतीय सहकारिता डॉट कॉम को बताया कि श्री गुप्ता ने बैंक की एक सदस्या गीता लांबा जिनकी सदस्य संख्या 13338 है को आरबीआई नियमों की अनदेखी करके अनियमित तरीकें से 20 लाख रुपए का लोन दिलवाया है। जिनकी किश्तें चुकाने के नाम पर उनके कई चेक बाउंस भी हो चुके है, उन्होंने कहा।

सदस्यों का कहना है कि निदेशक शैलेष गुप्ता ने बैंक के अध्यक्ष मनमोहन गोयल और उपाध्यक्ष राधेश्याम शर्मा के साथ मिलकर अनियमित तरीकें से लोन का आवंटन भी  किया है। जिसके परिणामस्वरुप बैंक के एनपीए में बढ़ोत्तरी हुई है।

इन आरोपों के चलते जब श्री शैलेष गुप्ता से भारतीय सहकारिता डॉट कॉम ने बात की तब उन्होंने सभी आरोपों का खण्डन करते हुए कहा कि सभी आरोप बेबुनियाद है और इनमें किसी भी प्रकार की कोई सच्चाई नहीं है। बैंक में सभी लोन आरबीआई के दिशा निर्देशों को ध्यान में रखकर दिए जाते है, उन्होंने कहा।

भारतीय सहकारिता डॉट कॉम ने जब बैंक के चेयरमैन श्री मनमोहन गोयल से बात करना चाहा तो उन्होंने व्यस्तता की बात कहकर बात नही की।

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